बुलंदशहर में हुई हिंसा में यूपी पुलिस के इंस्पेक्टर की जान चली गई है। एक आम नागरिक की मौत हो चुकी है। इसके अलावा पुलिस चौकी और दर्जन भर से ज्यादा गाडियों को आग के हवाले कर दिया गया। लेकिन इस घटना के बाद जब यूपी के मुख्यमंत्री पत्रकारों के सामने आए तब पत्रकारों ने पहले ही अपने घुटने जमीन पर टेक दिए।

दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियों में पत्रकारों द्वार यूपी के मुख्यमंत्री के संबोधन में महाराज जी शब्द का प्रयोग किया जा रहा है।

आपको बता दें कि फिलहाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में हैं। वहां गोरखपुर मंदिर में बुलंदशहर की घटना पर मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया के लिए पत्रकार जमा हुए थे। लेकिन गोरखपुर में मौजूद पत्रकारों द्वारा यूपी के मुख्यमंत्री के संबोधन जिस शब्द का इस्तेमाल किया गया वो बेहद ही निंदनिय है।

क्या इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या भाजपा की राजनीति और मीडिया द्वारा फैलाई जा रही नफरत का नतीजा है?

सवाल उठता है कि जो पत्रकार मुख्यमंत्री का नाम लेने से कतरा रहें है वह यूपी में हुई इस हिंसा के लिए सरकार से कैसे सवाल कर सकते हैं? और यदि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को महाराज जी कहने में इन पत्रकारों को कोई बुराई नहीं दिखती तो ये पत्रकार अपने आपको और योगी आदित्यनाथ के असली अनुयायियों से किस आधार पर अलग समझते हैं?

पत्रकारों द्वारा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अति सम्मान देने का एक वीडियों पहले भी जारी हो चुका है। उस वीडियों में देश की एक बड़ी न्यूज ऐजंसी के पत्रकार योगी आदित्यनाथ के पैर छूकर आशीर्वाद लेते हुए नज़र आए थे।

 

 

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