डिटर्जेंट ब्रांड Surf Excel के एक विज्ञापन को लेकर सोशल मीडिया पर विवाद छिड़ गया है। सर्फ एक्सेल ने अपने विज्ञापन में ‘रंग लाए संग’ में दो छोटे बच्चों को दिखाया गया है। विज्ञापन में होली और धार्मिक सद्भाव को दिखाया गया है। साफ शब्दों कहे तो विज्ञापन में ‘विवादित’ जैसा कुछ भी नहीं है।

लेकिन सोशल मीडिया के खलिहर लोगों को इसमें अपने दिमाग का कचरा नज़र आ रहा है। करीब एक मिनट के इस ऐड में दिखाया गया है कि सफेद टी-शर्ट पहने एक हिंदू लड़की पूरी गली में साइकिल लेकर घूमती है। इस दौरान वो बालकनी और छतों से रंग फेंक रहे सभी बच्चों के रंग अपने ऊपर डलवाकर खत्म करा देती है, ताकि उसका दोस्त मस्जिद जा सके।

बच्चों का रंग खत्म होता है, लड़की उसे अपने साइकिल से बैठाकर मस्जिद छोड़ती है। लड़का मस्जिद की सीढ़ियां चढ़ते हुए कहता है, नमाज़ पढ़कर आता हूं। इसपर बच्ची जवाब देती है- फिर रंग लगेगा। बच्चा मुस्कुराकर हामी भरता है और सीढ़ियां चढ़ने लगता है।

अब सोशल मीडिया के कुछ कथित हिंदूवादी धुरंधरों को इस विज्ञापन में लव जिहाद, हिंदू धर्म से खिलवाड़ आदि-आदि नजर आ रहा है। कुछ का ये भी कहना है कि इस ऐड में होली से ज़्यादा नमाज़ को बढ़ावा दिया गया है। अब विज्ञापन के विरोध में सोशल मीडिया पर #boycottSurfexcel चलाया जा रहा है।

इसी देश में बेरोगार हिंदू पुलिस की लाठी खा रहे हैं, उनके रोजगार के लिए कोई हैशटैग नहीं चल रहा है। बलात्कार के विरोध में कोई कथित हिंदूवादी हैशटैग नहीं चला रहा है और भी तमाम ऐसे जरूर मुद्दें है जिसके लिए कोई हैशटैग नहीं चल रहा है लेकिन एक ऐड पर हिंदू भावना आहत हो जा रही है।

Surf Excel का विरोध कर रहे लोगों पर तंज सकते हुए राजनीतिक सलाहकार गजेंद्र शर्मा ने एक बहुत गंभीर बात कही है। उन्होंने ट्वीट किया है कि, ‘सर्फ एक्सेल के ऐड ने इन्हे क्रोधित कर दिया, लेकिन गोरखपुर में 400 बच्चों कि मौत ऐसा नहीं कर सकी। एक छोटी सी भक्त कहानी।’

बता दें कि गोरखपुर में स्थित बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अगस्त साल 2017 में ऑक्सीजन की कमी से वहां दाखिल कई बच्चों की मौत हो गई थी।

आल इंडिया प्रोग्रेसिव वीमेन एसोसिएशन कि सचिव कविता कृष्णन ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है, ‘Surf Excel के ऐड में एक मुस्लिम लड़के और हिंदू लड़की में दोस्ती है। पर संघी लोग इसे ‘लव जिहाद’ का प्रचार बता रहे हैं। भारत में सब रंगों के मिलने, दोस्ती और प्यार करने की जगह है- इसे एक रंग में रंगने की फासीवादी कोशिश को नाकाम करो! होली मुबारक एडवांस में!’

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