हर चुनावी सीजन में कोई ना कोई बड़ा हंगामा खड़ा कर देने में माहिर नरेंद्र मोदी ने इस बार ‘पिछड़े’ के नाम पर विक्टिम कार्ड खेला है।
उन्होंने कहा है कि पिछड़ा होने की वजह से उन्हें ‘चोर’ कहकर अपमानित किया जाता है।
गौरतलब है कि ये बातें वही नरेंद्र मोदी कर रहे हैं जिनके राज में अधिकतर जगहों से पिछड़ों का आरक्षण छीन लिया गया, जिनके शासनकाल में हुई हजारों नियुक्तियों में एक तरफ से सिर्फ अगड़ी जातियों के लोग भरे गए, ख़ैर अब वोट लेने की बारी आई है तो विक्टिम कार्ड खेलने के लिए वो पिछड़ा बन गए हैं।
इन सब से अलग, वो एक ऐसे राजनीतिक दल का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसे हमेशा ही पिछड़ा विरोधी माना गया है।
बीजेपी ना सिर्फ पिछड़ों के ‘राजनीतिक विरोध’ के लिए जानी जाती है बल्कि दलित पिछड़ों के नेताओं के बारे में तमाम दुष्प्रचार फैलाने में भी माहिर है।
लालू यादव को हमेशा से ‘चारा चोर’ कहने वाली भारतीय जनता पार्टी ने 2018 में अखिलेश यादव को ‘टोटी चोर’ बताया।
बीजेपी के साथ गोदी मीडिया ने भी टोटी चोरी की बेतुकी कहानी को बढ़ा चढ़ाकर दिखाया और ये सब आरोप एक पिछड़े नेता पर लग रहे थे।
एक पिछड़े को टोटी चोर बताने की तमाम कोशिशें की जा रही थी तब बीजेपी को किसी पिछड़े के अपमान की फ़िक्र नहीं हुई बल्कि वो खुद ही अखिलेश यादव का अपमान करने के लिए तमाम हथकंडे अपना रही थी।
बीजेपी की इसी दोगली राजनीति की आलोचना करते हुए सोशल मीडिया पर लोग जमकर निशाना साध रहे हैं।
मुक्ता सिंह लिखती हैं- जब लालू को चारा चोर बोलते हैं तो पिछड़ों का अपमान नहीं होता है ?
जब अखिलेश यादव को टोटी चोर बोलते हैं तब पिछड़ों का अपमान नहीं होता ?
खुद को पिछड़ा बताकर हमदर्दी लूटने वाली भाजपा की चाल अब उल्टी पड़ती नजर आ रही है।
इसपर ना सिर्फ अखिलेश यादव बल्कि मायावती भी लगातार हमलावर होती जा रही हैं ।
आज मैनपुरी की महारैली में जहां एक तरफ मायावती ने मुलायम सिंह यादव को असली पिछड़ा और मोदी को नकली पिछड़ा बताया वहीं दूसरी तरफ अखिलेश यादव ने कहा कि हम जन्मजात पिछड़े हैं मोदी तो सिर्फ कागजी पिछड़े हैं।
मायावती ने मुलायम सिंह के साथ मंच किया साझा, कहा- मुलायम मोदी की तरह फर्जी नेता नहीं
अगर पिछड़ों की इस राजनीति के बहाने मोदी के कार्यकाल में पिछड़ों की दुर्गति उजागर हो गई तो इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का बुरा हाल हो जाएगा।