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मालेगांव बम धमाके की आरोपी और भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की शहीद हेमंत करकरे पर अपमानजनक टिप्पणी के बाद बीजेपी विपक्ष के निशाने पर आ गई है।
विपक्ष की आलोचनाओं से बचने के लिए बीजेपी ने साध्वी प्रज्ञा के बयान से पल्ला झाड़ा लिया है। पार्टी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि हेमंत करकरे ने आतंकवादियों से लड़ते हुए अपनी जान गंवाई है और पार्टी हमेशा से यह मानती है कि वे देश के शहीद हैं। पार्टी ने यह भी कहा है कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का बयान उनका निजी विचार है।
हालांकि अपनी इसी प्रेस विज्ञप्ति में बीजेपी ने साध्वी प्रज्ञा के बयान को जायज़ ठहराने की कोशिश भी की है। पार्टी का कहना है कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का बयान उन्हें वर्षों तक मिली शारिरिक और मानसिक प्रताड़ना के कारण उत्पन्न हुआ हो सकता है।
इससे पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी साध्वी प्रज्ञा के बयान का बचाव किया। उन्होंने ट्विटर के ज़रिए कहा कि करकरे ड्यूटी के दौरान मारे गए इसलिए वह शहीद हैं। लेकिन ये साध्वी प्रज्ञा को उनके अधिकारों से वंचित नहीं करता। उन्हें शारिरिक उत्पीड़न के ख़िलाफ ग़ुस्सा ज़ाहिर करने का हक़ है।
साध्वी प्रज्ञा ने भोपाल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहती था कि हेमंत करकरे की मौत उनके श्राप से हुई। करकरे को उनके कर्मों की सजा मिली है। साध्वी ने कहा, “मैंने उसे कहा था तेरा सर्वनाश होगा, उसने मुझे गालियां दी थीं। जिस दिन मैं गई तो उसके यहां सूतक लगा था और जब उसे आतंकियों ने मारा तो सूतक खत्म हुआ”।
बता दें कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर साल 2008 में मालेगांव बम धमाके की आरोपी हैं और फिलहाल ज़मानत पर बाहर हैं। हेमंत करकरे ने इस मामले की जांच की थी। महाराष्ट्र एटीएस ने हेमंत करकरे के नेतृत्व में इस मामले की जांच में पाया था की धमाके में इस्तेमाल हुई मोटरसाइकिल साध्वी के नाम पर थी। धमाके में सात लोगों की मौत हो गई थी जबकि 80 से ज़्यादा लोग घायल हुए थे।