
गुजरात में 3000 करोड़ की मूर्ति बनाने वाली सरकार अब देश में पोलियो के टीके उपलब्ध कराने के लिए विदेशों से चंदा मांगने वाली है। अब पोलियो के खिलाफ लड़ना भारत के लिए और मुश्किल होने जा रहा है।
अंग्रेजी वेबसाइट द टेलिग्राफ की खबर के अनुसार, पोलियो से बचाव के लिए लगाए जाने वाले टीके के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। और आने वाले समय में दामों की यह वृद्धि दोमों को दोगुने से भी अधिक मूल्यों पर ले जा सकती है।
यह वृद्धि भारत की सरकार के लिए सिर दर्द बने जा रही है क्योंकि सरकार ने पहले ही स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जो बजट रखा है वो बहुत ही कम है।
सरकार के लिए बढ़ी कीमतों का भुगतान करना बहेद ही मुश्किल नज़र आ रहा है। इस स्थिति पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों कहना है कि यह स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लिए भारत के खराब बजट आवंटन को दर्शाता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व भर में पोलियो का टीके की कमी हुई है, इसे देखते हुए इसकी निर्माता कंपनी सनोफी ने दामों में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है।
यूनिसेफ़ के अनुसार भारत में पोलियो के टीके के दाम 2019 में प्रति डोज (0.75 यूरो) 61 रुपए से बढ़कर 147 रुपए यूरो (1.81 ) हो जाएंगे। 2020 से 2022 तक इसके प्रति डोज (2.81 यूरो) 177 रुपए हो जाने का अनुमान है जो कि दोगुने से भी अधिक है।
द टेलिग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार ने गरीब देशों की मदद करने वाली संस्था ‘गवी’ के पास मदद की गुहार लगाई है। सरकार चाहती है कि गवी इस मामले में हस्तक्षेप करें।