साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बाद बीजेपी की वरिष्ठ नेता और लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने मुंबई आतंकी हमले में शहीद हुए एटीएस चीफ़ हेमंत करकरे का अपमान किया है।

उन्होंने हेमंत करकरे को कांग्रेस के इशारे पर काम करने वाला अधिकारी बताने की कोशिश की है।

सुमित्रा महाजन के इस बयान की जानकारी वरिष्ठ पत्रकार निखिल बागले ने ट्विटर के ज़रिए दी। उन्होंने बीजेपी नेता के इस बयान को शर्मनाक बताते हुए लिखा, “पूर्व एलएस स्पीकर सुमित्रा महाजन ने एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के साथ घनिष्ठ संबंध होने का आरोप लगाया है। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता द्वारा शहीद का एक और अपमान। शर्म की बात है!” 

सुमित्रा महाजन के इस बयान पर भोपाल से कांग्रेस के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह ने पलटवार किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “सुमित्रा ताई, मैं धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के हमेशा खिलाफ रहा हूं। मुझे गर्व है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मुझमें सिमी और बजरंग दल दोनों को बैन करने की सिफारिश करने का साहस था। मेरे लिए देश सर्वोपरि है, ओछी राजनीति नहीं”। 

उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा, “सुमित्रा ताई, मुझे गर्व है कि अशोक चक्र विजेता शहीद हेमंत करकरे के साथ आप मुझे जोड़ती हैं। आपके साथी उनका अपमान भले ही करें, मुझे गर्व है कि मैं सदैव देशहित, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की बात करने वालों के साथ रहा हूं”।

बता दें कि इससे पहले मालेगांव बम धमाके की मुख्य आरोपी एवं भोपाल से बीजेपी की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने शहीद हेमंत करकरे पर अपमानजनक टिप्पणी की थी।

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साध्वी ने कहा था कि हेमंत करकरे की मौत उनके श्राप के कारण हुई। साध्वी के इस बयान के बाद बीजेपी को जमकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद पार्टी ने साध्वी के इस बयान से अपना पल्ला झाड़ लिया था।

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