इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के मुख्य आरोपी प्रशांत नट को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किए जाने के बाद प्रशांत ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। उसने पुलिस को दिए बयान में कहा कि उसी ने सुबोध कुमार पर गोली चलाई थी।

प्रशांत नट के इक़बाले जुर्म के बाद अब बीजेपी उसे बचाने की कोशिश करती नज़र आ रही है।

बुलंदशहर से बीजेपी के विधायक देवेंद्र सिंह लोधी ने अपने बयान में कहा कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को किसी ने नहीं मारा बल्कि उन्होंने ग़लती से ख़ुद पर गोली चला दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई।

बीजेपी विधायक ने दावा किया कि जब इंस्पेक्टर सुबोध सिंह भीड़ में घिर गए थे तो बचाव में उन्होंने अपने कंधे में गोली मारने की कोशिश की, लेकिन गलती से गोली उनके सिर में जा लगी। जिससे उनकी मौत हो गई।

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विधायक ने आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ लोगों को इसमें बेवजह फंसाया जा रहा है। हिंसा के दौरान सबके पास हथियार नहीं थे। इंस्पेक्टर को एक ही गोली लगी थी। जबकि प्रशांत ने अपने बयान में साफ़ तौर पर कहा है कि सुबोध कुमार को उसने उन्हीं की रिवॉल्वर से गोली मारी थी।

अब सवाल यह उठता है कि आखिर बीजेपी विधायक आरोपी के इक़बाले जुर्म के बाद भी उसे बचाने की कोशिश क्यों कर रहे हैं। बीजेपी पर पहले भी इस केस में आरोपियों को बचाने के आरोप लगते रहे हैं।

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विपक्षी नेताओं से लेकर कई बड़े पत्रकार यह आरोप लगा चुके हैं कि सूबे की योगी सरकार इस केस के एक और आरोपी योगेश राज को बचाने की कोशिश कर रही है।

विपक्षियों का आरोप है कि बुलंदशहर हिंसा में बीजेपी का भी हाथ है, इसलिए वह आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है।

विपक्षियों का दावा है कि बीजेपी को डर है कि अगर हिंसा के आरोपी पकड़े गए तो इस मामले में बीजेपी का नाम भी सामने आ सकता है। अब बीजेपी विधायक के इस बयान ने विपक्षियों के इन आरोपों को और बल दे दिया है।

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