बुलंदशहर में 3 दिसंबर को मॉब लिचिंग के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की भी मौत हो गई थी। इस मामले की जांच चल ही रही थी कि एक भाषण के दौरान यूपी सीएम ने इस पूरे घटना को हादसा करार कर दिया था।

इस घटना को हादसा बताकर लग रहा था जैसे सीएम पूरे मामले का रफा– दफा करना चाहते थे। मगर मीडिया और लोगों के नजरों से सुबोध सिंह की मौत का वो मंजर हट नहीं पाया था।

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एनडीटीवी की रिपोर्ट से पता चला कि बुलंदशहर में मॉब लिंचिंग का नेतृत्व करने वाला मुख्य आरोपी प्रशांत नट को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रशांत की गिरफ्तारी के बाद उससे पूछताछ में हैरान कर देने वाली बातें सामने आई है।

प्रशांत ने इंस्पेक्टर सुबोध को गाली मारने वाली बात स्वीकार कर ली है, और साथ ही किस बेरहमी तरीके से सुबोध को मार डाला वो भी बताया।

प्रशांत के बयानों के अनुसार, इंस्पेक्टर सुबोध सिंह पर पहले कुल्हाड़ी से हमला किया, सुबोध सिंह का अंगूठा भी काटा गया था। इंस्पेक्टर सुबोध ने ऑन ड्यूटी पर थे इसलिए उनके पास रिवोल्वर भी थी, उनके उसी रिवोल्वर को छीन कर उन पर गोलियां चलाई गई। सिर्फ यहीं नहीं इसके बाद उन्हें जलाने की कोशिश भी की गई।

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ये बयान उस आरोपी के हैं जिसने खुद इंस्पेक्टर पर गोली चलाई थी। इंस्पेक्टर सुबोध का परिवार बोलते थक गया था कि सुबोध की मौत कोई हादसा नहीं बल्कि एक सोची समझी चाल है। पर उनके बात को कोई मानने का तैयार नहीं था।

आज इंस्पेक्टर की मौत का मुख्य आरोपी ने जब ये बात कबूल कर ली है। इस बयान को सुनने के बाद क्या अब भी सीएम योगी आदित्यनाथ यही बोलेंगे की इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की मौत महज एक हादसा था। या अब सुबोध के हत्यारों को सज़ा दिलवाएंगे।

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