उत्तर-प्रदेशः योगी आदित्यनाथ के विधायक विक्रम सैनी ने बेहद ही बेहूदा और घटिया बयान देते हुए कहा है कि, जो लोग भारत में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, उन पर बम फोड़ देना चाहिए।

विक्रम सैनी यूपी के मुज़फ़्फ़रनगर से भाजपा के विधायक हैं। मीडिया से बात करते हुए बीजेपी विधायक ने कहा कि, “जो लोग देशद्रोही हैं, और कहते हैं कि उन्हें यहाँ ख़तरा महसूस होता है उनके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। बीजेपी विधायक ने आगे कहा कि अगर सरकार उन्हें मंत्रालय देती है तो वो ऐसे लोगों पर बम फोड़ देंगे। एक को भी नहीं छोड़ेंगे।“

विधायक वो होता है जिसे जनता चुनकर विधानसभा भेजती है, ताकी वो वहाँ बैठकर लोगों के हितों के बारे में क़ानून बना सके। लोगों की हिफ़ाज़त के लिए सदन में आवाज़ उठाए। लेकिन बीजेपी विधायक विक्रम सैनी को देखकर लगता है कि वो जनसेवक कम और हिंसा के दूत ज़्यादा हैं। तभी तो बम से उड़ा देने की बात कर रहे हैं।

वैसे बीजेपी विधायक की ये बात ज़्यादा हैरान नहीं करती है। क्योंकि जिस राज्य का मुखिया (योगी आदित्यनाथ) ठोक दो जैसे शब्द इस्तमाल करता हो, उसके विधायक से हम बहुत ज़्यादा शालीनता की उम्मीद कर भी नहीं सकते।

नसीरुद्दीन शाह ने जताई थी चिंता-

बुलंदशहर हिंसा में इस्पेंक्टर सुबोध सिंह की हत्या के बाद जिस तरह सरकार का ध्यान पुलिस ऑफ़िसर की शहादत पर कम और गाय पर ज़्यादा थी उससे साफ़ ज़ाहिर होता था कि सरकार गाय को ज़्यादा अहमियत दे रही है, इंसान की मौत के बनिस्बत। इसी को ध्यान में रखकर और देश में पिछले चार सालों से इसी तरह हो रही भीड़ द्वारा हिंसा Mob Lynching को देखते हुए हिंदी सिनेमा के बेहतरीन अदाकार नसीरुद्दीन शाह ने कहा था कि,ये ज़हर फैल चुका है . इस जिन्न को दोबारा बोतल में बंद करना मुश्किल होगा . खुली छूट मिल गई है क़ानून को अपने हाथों में लेने की . कई इलाक़ों में हमलोग देख रहे हैं कि एक गाय की मौत को ज़्यादा अहमियत दी जाती है एक पुलिस ऑफ़िसर की मौत के बनिस्बत .

मुझे फ़िक्र होती है अपनी औलाद के बारे में सोचकर ,क्योंकि उनका मज़हब ही नहीं है . मज़हबी तालीम मुझे मिली और रत्ना को कम मिली या बिल्कुल भी नहीं मिली क्योंकि एक लिबरल हाउसहोल्ड था उनका . हमने अपने बच्चों को मज़हबी तालीम बिल्कुल भी नहीं दी . मेरा ये मानना है कि अच्छाई और बुराई का मज़हब से कोई लेना देना नहीं है . अच्छाई और बुराई के बारे में जरूर उनको सिखाया . हमारे जो विलीव्स हैं , दुनिया के बारे में हमने उनको सिखाया . क़ुरान की एक आध आयतें जरूर सिखाई क्योंकि मेरा मानना है कि उसे पढ़कर तलफ्फुज सुधरता है , जैसे हिन्दी का सुधरता है रामायण या महाभारत पढ़कर .

फ़िक्र होती है मुझे अपने बच्चों के बारे में . कल को अगर उन्हें भीड़ ने घेर लिया कि तुम हिन्दू या मुसलमान ? तो उनके पास तो कोई जवाब ही नहीं होगा क्योंकि हालात जल्दी सुधरते मुझे नज़र नहीं आ रहे हैं .

इन बातों से मुझे डर नहीं लगता . ग़ुस्सा आता है . मैं चाहता हूँ कि हर राइट थिंकिंग इंसान को ग़ुस्सा आना चाहिए . डर नहीं लगना चाहिए . हमारा घर है . हमें कौन निकाल सकता है यहाँ से

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here