dilip ghosh
Dilip Ghosh

पश्चिम बंगाल में डंके की चोट पर राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) को लागू करने का ऐलान करने वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) अब इस मुद्दे पर पीछे हटती नज़र आ ही है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip Ghosh) ने इस बात की ओर इशारा किया है कि पार्टी, बंगाल में NRC लागू नहीं करेगी।

दिलीप घोष ने बुधवार को जलपाईगुड़ी में पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा कि एनआरसी भविष्य की बात है। उन्होंने कहा, “असम में एनआरसी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते हुई। पूर्व दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कहा था कि वो बंगाल में एनआरसी करेंगे। भाजपा ने इससे समझौता नहीं किया और पार्टी कोर्ट पहुंच गई। और कोर्ट के आदेशानुसार इसे बंगाल में लागू किया गया”।

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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर देशव्यापी एनआरसी की जरूरत होगी, तो केंद्र सरकार इस बारे में सोचेगी। बता दें कि इससे पहले घोष ने हमेशा बंगाल में एनआरसी की वकालत की थी। पिछले नवंबर में तीन विधानसभा उपचुनावों में हार के बाद भी उन्होंने कहा कि हार के लिए एनआरसी को जिम्मेदार ठहराना जल्दीबाजी होगी।

माना जा रहा है कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का NRC के मुद्दे पर यू-टर्न सूबे में इसके खिलाफ़ गुस्से को लेकर है। प्रदेशभर में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और NCR के विरोध में रैलियां कर रही हैं। ममता ने ये साफ़ कहा है कि जब तक CAA वापस नहीं लिया जाएगा तब तक उनका विरोध जारी रहेगा।

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दिलीप घोष के साथ ही बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व भी इस मुद्दे पर थोड़ा पीछे हटा है। इससे पहले एनआरसी के मुद्दे पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, “अभी इसपर बहस की कोई जरूरत नहीं है। अभी इसपर कोई बात नहीं हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर पहले ही सब साफ कर चुके हैं। इसपर अभी न ही कैबिनेट में और न ही पार्लियामेंट में कोई चर्चा हुई है”।

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