आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने निजी कारण बताते हुए अपना इस्तीफा सरकार को भेज दिया। मगर इसके पीछे की असल वजह सरकार और रिजर्व बैंक के बीच विवाद का मुद्दा है।

जिसमें कहा गया था कि मोदी सरकार ने रिजर्व बैंक से करीब 3 लाख करोड़ रुपए मांगे थे जिसे आरबीआई ने मानाने से इनकार कर दिया था।

उर्जित पटेल के इस्तीफे पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद डॉक्टर सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रतिक्रिया दी है। स्वामी ने कहा कि उनका इस्तीफा हमारी अर्थव्यवस्था आरबीआई और सरकार पर बुरा असर डाल सकता है।

उन्हें कम से कम जुलाई तक रुकना चाहिए था जबतक अगली सरकार नहीं आ जाती है। प्रधानमंत्री मोदी को उन्हें कॉल करना चाहिए और पता लगाना चाहिए की आखिर क्या वजह है।

क्या कहा उर्जित पटेल ने अपने इस्तीफे में?

निजी कारणों से मैं अपने पद से तुरंत इस्तीफा दे रहा हूं। रिजर्व बैंक में कई सालों से अलग-अलग पदों पर रहकर काम करना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। रिजर्व बैंक के कर्मचारियों, अधिकारियों और मैनेजमेंट का जो साथ मिला उसके लिए आभारी हूं।

सबकी इसी कड़ी मेहनत की वजह से रिजर्व बैंक इतना काम कर पाया। मैं इस मौके पर रिजर्व बैंक बोर्ड के सभी डायरेक्टर और अपने साथियों का शुक्रिया अदा करता हूं। उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं।

बता दें कि उर्जित पटेल आरबीआई गवर्नर तब बने थे जब मोदी सरकार ने नोटबंदी का फैसला लिया था। नोटबंदी से ठीक 2 महीने पहले अगस्त, 2016 में उर्जित पटेल को रिजर्व बैंक का गवर्नर बनाने का ऐलान किया गया था। इससे पहले वो डिप्टी गवर्नर थे।

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