प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘स्वच्छ भारत अभियान’ अब मिशन से ज़्यादा दिखावा बन गया है। जहां देशभर में गंदगी की वजह से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं इस अभियान के तहत बीजेपी सांसद संसद के बाहर साफ़ सड़क पर झाड़ू लगाते दिख रहे हैं।

दरअसल, आज (13 जुलाई) को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और सांसद हेमा मालिनी सहित बीजेपी के कई नेता हाथ में झाडू लिए सांसद परिसर को साफ़ करते नज़र आए। बीजेपी नेताओं ने संसद परिसर की इस सफाई को एक इवेंट की तौर पर पेश किया। इस सफाई का वीडियो शूट किया गया, जिसे न्यूज़ चैनलों ने इन नेताओं की प्रशंसा करते हुए खूब दिखाया।

हालांकि वीडियो को देखकर ही अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि झाड़ू सफाई के लिए नहीं बल्कि वीडियो शूट के लिए ही लगाई जा रही है। वीडियो में देखा जा सकता है कि हेमा मालिनी के हाथ में मौजूद झाडू ठीक से जमीन पर मौजूद कूड़े तक पहुंच ही नहीं रही। यानी उनकी झाड़ू से कचरा साफ़ नहीं हुआ और वह सफाई में नाकाम रहीं। इसके बावजूद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए इस अभियान को मथुरा पहुंचकर आगे बढ़ाने की बात की।

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दिलचस्प बात तो यह भी है कि जिस संसद परिसर के बाहर बीजेपी सांसद झाड़ू लगा रहे थे वहां आमतौर पर कूड़ा होता ही नहीं, यानी वीडियो में नज़र आ रहा कूड़ा ख़ासतौर पर बीजेपी सांसदों के लिए ही लाया गया था! और अगर कूड़ा जानबूझकर नहीं लाया गया तो यह और भी दुर्भाग्यपूर्ण है। क्योंकि इससे पीएम मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की कामयाबी पर ही सवाल उठ जाएंगे।

पत्रकार सुहासनी हैदर ने सोशल मीडिया पर लिखा- अगर इतनी मात्रा में कचरा संसद के परिसर में फेका जा रहा है वो भी स्वच्छ भारत अभियान के पांच साल पूरे होने के बाद। फिर अभियान की सफलता के बारें में बात ना करें।

सोशल मीडिया पर भी लोग बीजेपी सांसदों द्वारा संसद परिसर के बाहर लगाई गई झाड़ू को महज़ दिखावा बता रहे हैं। लोगों का कहना है कि बीजेपी सांसद अगर सच में भारत को स्वच्छ बनाना चाहते हैं तो उन्हें गंदी जगहों पर झाड़ू लगानी चाहिए, न कि साफ़ सड़क पर झाड़ू लगाकर तस्वीरें खिंचानी चाहिए।

बता दें कि पीएम मोदी स्वच्छता अभियान की शुरुआत अपने पहले कार्यकाल में की थी। इसमें उन्हें जनता के अलावा कई बड़ी हस्तियों का भी साथ मिला था। कई फिल्म सेलेब्रिटीज साफ सफाई करते दिख चुके हैं। मगर सफाई कितनी हो पाई ये पता लगा पाना मुश्किल है क्योंकि इसे लेकर अभीतक सरकार ने कोई रिपोर्ट जारी नहीं की है।

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