‘कहते हैं दिल्ली दिलवालों की है, इसे नफ़रत से नहीं जीता जा सकता। इसे जीतना है तो प्यार, मोहब्बत, भाईचारा आपको दिखाना होगा’ लेकिन बीजेपी ने इसे जीतने के लिए ज़हरीले शब्दों का प्रयोग किया। नफ़रत और संप्रदायिकता से भरे बयान दिए। जिसे दिल्ली की जनता ने सिरे से खारिज कर दिया।
दिल्ली की जनता ने देश और दुनिया को ये पैग़ाम दे दिया कि हम आपसी भाईचारा के साथ रहना चाहते है, देश की तरक्की के लिए एक दूसरे से कंधे से कंधे मिलाकर चलना जानते है।
BJP की करारी हार पर बोले प्रकाश राज- ‘गोली मारने’ वालों को दिल्ली की जनता ने ‘झाड़ू’ से मारा
बीजेपी की इस करारी हार पर स्टैंडप कॉमिडयन और बॉलीवुड लेखक वरूण ग्रोवर ने बीजेपी पर ट्वीट कर तीखा हमला बोला है। उन्होंने लिखा- ‘हिन्दू को खतरे में और सामने वाले को पाकिस्तानी बता के, पूरा मीडिया जेब में रख राजधानी में आंतक फैलाके, लाइब्रेरी में घुस के डंडे चलवा के, सड़क पे अपने ही देशवासियों को गोली मारो के नारों से धमका के,और यूपी के FANTA से बिरयानी में जहर घुलवा के-स्कोर रहा 62-8. चाणक्य धन्य हों।’
हिन्दू को खतरे में और सामने वाले को पाकिस्तानी बता के, पूरा मीडिया जेब में रख राजधानी में आतंक फैला के, लाइब्रेरी में घुस के डंडे चलवा के, सड़क पे अपने ही देशवासियों को 'गोली मारो' के नारों से धमका के, और UP के fanta से बिरयानी में ज़हर घुलवा के – स्कोर रहा 62-8। चाणक्य धन्य हों।
— वरुण ?? (@varungrover) February 12, 2020
बीजेपी ने दिल्ली का किला फतह करने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाएं। चुनाव जीतने के लिए ऐसा कोई भी दांव नहीं बचा, जिसे बीजेपी ने अपने चुनाव प्रचार में इस्तेमाल ना किया हो। चाहे वो हिन्दू मुस्लिम के नाम पर ध्रुवीकरण करना हो, या पाकिस्तान और आंतकवाद का नाम लेकर सेना के सौर्य और राष्ट्रीय सुरक्षा को मुद्दा बनाना हो।
या फिर टुकड़े टुकड़े गैंग का नाम लेकर गद्दार जैसे शब्दों का प्रयोग करना हो। इसके अलावे गाली, गोली और बिरयानी को भी चुनाव प्रचार में प्रमुखता से उठाया। हर तरह से चुनावी ध्रुवीकरण की कोशिश की गई। लेकिन फिर भी बीजेपी सत्ता के शिखर तक नहीं पहुंच पाई। बहुत ही करारी हार का सामना करना पड़ा।
दिल्ली चुनावः जहां अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा ने दिए थे भड़काऊ बयान, वहां BJP का सूपड़ा साफ़
गौरतलब है कि जिस बीजेपी को सिर्फ आठ महीने पहले 2019 लोकसभा चुनाव में दिल्ली की जनता ने दिल खोल कर वोट किया था। और सभी सातों सीटों पर बंपर वोटों से जीता कर सांसद बनाया। लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 56% वोट मिले थे,जबकि विधानसभा में 38% वोट मिले, और सीटों में केवल 8 सीटें ही बीजेपी जीत पाई। जबकि आम आदमी पार्टी 54% वोट के साथ 62 सीटें जीतने में कामयाब रहीं।