मोदी सरकार द्वारा सीमा सुरक्षा को लेकर किए जा रहे बड़े – बड़े दावों के बीच चीन ने पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना के एक अधिकारी समेत दो जवानों को शहीद कर दिया। ये 1962 के बाद पहला मौका है, जब भारत – चीन सीमा पर भारतीय जवान शहीद हुए हैं।

जानकारी के मुताबिक, गलवान घाटी में चीन और भारत की सेनाओं की ओर से रात में पीछे हटने की प्रक्रिया जारी थी लेकिन तभी अचानक चीनी सैनिकों की ओर से हरकत की गई और भारतीय सेना पर हमला बोल दिया गया। चीनी सैनिकों के इस हमले में भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए। हालांकि रिपोर्ट्स की मानें तो इस हमले में दोनों ही सेनाओं की ओर से कोई फायरिंग नहीं की गई।

बता दें कि 45 साल में ये पहली बार हुआ है कि भारत चीन सीमा पर कोई जवान शहीद हुआ है। इससे पहले 1962 में भारत और चीन का युद्ध हुआ था। इस युद्ध के बाद 1975 पर एलएसी पर फायरिंग हुई थी, जिसमें चार भारतीय जवान शहीद हुए थे। इसके बाद से एलएसी पर कोई हिंसक झड़प नहीं हुई थी।

चीन की इस शर्मनाक हरकत के बाद भारत में प्रतियाओं का दौर जारी है। बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व सांसद कीर्ति आज़ाद ने जवानों की शहादत को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर ज़ोरदार हमला बोला है।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथों लेते हुए ट्विटर के ज़रिए कहा, “कहां गया चीन को लाल-लाल आंख दिखाने वाला? कहां गया 56 इंच की छाती रखने वाला? कहां गया तीस मार खां? #GalwanValley में देश की रक्षा करते हुए, चीन के विरुद्ध 4 सैनिक जिसमें एक अधिकारी हैं, देश की आन बान शान मान मर्यादा के लिए शहीद हुए आपको नमन है”।

ग़ौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव चीन के आक्रमक रवैये की वजह से शुरू हुआ है। मई की शुरुआत में ही पूर्वी लद्दाख में चार जगहों पर पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने घुसपैठ की। इस घुसपैठ के बाद जब भारत की ओर से उन्हें पीछे हटने को कहा गया तो उन्होंने इनकार कर दिया। जिसके बाद से वहां तनाव की स्थिति बनी हुई है।

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