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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 69 हज़ार सहायक शिक्षक भर्ती में हुए फर्जीवाड़े का खुलासा करने वाले प्रयागराज के एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज का तबादला कर दिया। एसएसपी को अभी वेटिंग लिस्ट में रखा गया है, उनकी नई तैनाती नहीं हुई है।
सरकार की इस कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि सरकार ने उन्हें फर्जीवाड़े का खुलासा करने की सजा दी है। प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि शिक्षक भर्ती के मामले में तमाम एफआईआर कराने और नकल माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने पर एसएसपी का सजा के तौर पर ट्रांसफर किया गया है।
वहीं पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने भी इस कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए योगी सरकार को घेरा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “जो भी भ्रष्टाचार को उजागर करे, उसी को क्यों प्रताड़ित करने पर तुली है, योगी सरकार? 69 हजार शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े का खुलासा करने वाले IPS प्रयागराज एसएसपी का ट्रांसफर, अभी नहीं मिली कहीं नई पोस्टिंग ml चोर की दाढ़ी में तिनका तो नहीं!”
दरअसल, सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने ही बतौर एसएसपी प्रयागराज के सोरांव थाने में एक प्रतियोगी छात्र के अनुरोध पर एफआईआर कराई थी। 69000 सहायक शिक्षक भर्ती के मामले में एफआईआर कराते हुए एसएसपी ने खुद जांच की मॉनिटरिंग की थी। इस जांच में एसएसपी ने एएसपी अशोक वेंकटेश और अनिल यादव को भी लगाया था।
मामले की जांच करते हुए पुलिस ने कई गिरफ्तारियां की और भारी मात्रा में कैश बरामद किया। गिरफ़्तार किए गए लोगों से सख्ती से की जा रही पूछताछ के बाद इस फर्जीवाड़े की परतें खुलने लगीं। इस मामले में बीजेपी नेता चंद्रमा सिंह यादव का नाम भी सामने आया है।
पुलिस फिलहाल चंद्रमा की तलाश में जुटी है। माना जा रहा है कि चंद्रमा की गिरफ्तारी के बाद कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं। ऐसे में एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध को यहां से हटाकर वेटिंग लिस्ट में डालना, मामले में कई सवाल खड़े कर रहा है।