सीमा पर जवान मर रहे हैं और सरकार चीनी कंपनी को ठेका दे रही है।

मंगलवार को चीन और भारत से जुड़ी दो बड़ी खबर सामने आई है। पहली ये कि, LAC पर गलवान वैली में भरतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुए संघर्ष में एक अधिकारी समेत 2 भारतीय जवान शहीद हो गए। वही दूसरी खबर ये है कि मोदी सरकार ने एक चीनी कंपनी को 1126 करोड़ का ठेका दिया है।

भारत-चीन सीमा पर लंबे समय से तनाव चल रहा है। इसके मद्देनजर एक तरफ बीजेपी से जुड़े लोग चीनी उत्पादों का बहिष्कार कर रहे हैं। तो दूसरी तरफ मोदी सरकार चीनी कंपनियों को बड़े-बड़े ठेके दे रही है। चीनी कंपनियों का दबदबा जोरों पर है और सरकार इसकी जड़ों में पानी दे रही है।

सोमवार रात खबर आई कि, केंद्र सरकार की तरफ से बनने वाले दिल्ली-मेरठ सेमी हाई रेल कॉरिडोर का ठेका एक चीनी कंपनी को मिलने जा रहा है। दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) प्रोजेक्ट के अंडरग्राउंड स्ट्रेच बनाने के लिए सबसे कम बोली एक चीनी कंपनी शंघाई टनल इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड (STEC) ने लगाई है। भाजपा की मोदी सरकार ने खुद चीनी कंपनी को 1126 करोड़ का ठेका दे दिया है। खबर है कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे का ठेका भी इसी कंपनी के पास है।

हैरानी की बात यह है कि यह बोली बीते 12 जून को लगाई गई है, जब सीमा पर तनाव चरम पर था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जनता को आत्मनिर्भर बनने की सलाह दे कर चले गए लेकिन चीनी कंपनी को ठेका देकर चीन को मजबूत बना रहे हैं।

इसी के मद्देनजर ट्वीटर पर पत्रकार उत्कर्ष सिंह ने लिखा कि, ‘सीमा पर जवान मर रहे हैं और सरकार चीनी कंपनी को ठेका दे रही है।’ खैर, आप चाइनीज़ झालर और ऐप का बहिष्कार करते रहिए।’

 

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