कल प्रियंका गाँधी के कांग्रेस महासचिव बनने के बाद परेशान बीजेपी ने तुरंत ही कांग्रेस पर वंशवाद का आरोप लगा दिया था, और बीजेपी नेताओं की ओर से कांग्रेस पर वंशवाद का आरोप लगातार जारी है।

अब रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि, प्रियंका गाँधी का महासचिव बनना वंशवाद को बढ़ावा देना है।

रक्षामंत्री के इस बयान के बाद कांग्रेस नेता रुचिरा चतुर्वेदी ने ट्वीटर पर निर्मला सीतारमण को जमकर लताड़ लगाई।

रुचिरा ने ट्वीटर पर लिखा-

प्रियंका गांधी पर सवाल उठाने वाली BJP अमित शाह और डोभाल के बेटों पर ख़ामोश रहती है, ये वंशवाद नहीं है क्या

रक्षामंत्री राफ़ेल पर देश के सवालों का जवाब नहीं देंगी, लेकिन वंशवाद पर ज्ञान ज़रूर देंगी। वो भी तब जब ख़ुद उनके पति आंध्र प्रदेश सरकार में कैबिनेट स्तर के पद पर हों, तीन चुनाव लड़े और हारे हों… वो भी तब जब उनके ससुर कई दफ़ा आंध्र प्रदेश सरकार में बतौर मंत्री रहे हों… वो भी तब जब उनकी सास कांग्रेस विधायक रह चुकी हों।

कल हमने आपको बताया था कि कांग्रेस पर वंशवाद का आरोप यक़ीनन सही है। लेकिन जब आरोप ऐसे लोग लगाएँ जो ख़ुद वंशवादी हों, भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देते हों तो उन्हें एक बार अपने गिरेहबान में झाँकना चाहिए।

प्रियंका बनीं महासचिव तो लगे वंशवाद के आरोप-

प्रियंका गाँधी के कांग्रेस महासचिव बनने के बाद परेशान बीजेपी ने तुरंत ही कांग्रेस पर वंशवाद का आरोप लगा दिया था। बीजेपी सही है। यक़ीनन ये वंशवाद है लेकिन ये सवाल उस पार्टी के मुँह से अच्छी नहीं लगती जो सर से पाँव तक वंशवाद तक डूबी हो। चाहे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को ले लीजिए जिनका बेटा जय शाह सक्रिय राजनीति में तो नहीं है लेकिन, बीजेपी सरकार बनने के बाद उसकी सम्पत्ति 16000 गुना बढ़ जाती है।

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या पीएम मोदी के सबसे ख़ास अफ़सरशाह अजित डोवाल को ले लीजिए जिनके बेटे शौर्य बीजेपी के नेता हैं।… वरिष्ठ पत्रकार राणा अय्यूब सोशल मीडिया साइट ट्वीटर पर लिखती हैं कि-

वंशवाद पर सवाल उठाना जायज़ है। लेकिन वो सवाल ऐसी पार्टी उठा रही है जो अपने अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह पर ख़ामोश रहती है और अजित डोवाल के बेटे शौर्य डोवाल पर ख़ामोश रहती है

इसके अलावा शिवराज सिंह चौहान के बेटे, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिंहा के बेटे मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री जयंत सिंहा को ले लीजिए या बीजेपी के सहयोगी रामविलास पासवान को ले लीजिए।

जिनकी पार्टी लोजपा ने बीजेपी के साथ इस शर्त के साथ समझौता किया है कि वो पासवान के बेटे, बीवी, दो चाचाओं को टिकट देगी और पासवान को राज्यसभा भेजेगी। और तमाम दूसरे बीजेपी नेताओं को ले लीजिए। आख़िर बीजेपी को सिर्फ़ कांग्रेस का परिवारवाद क्यों दिखता है?

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