कांग्रेस ने दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में हुई हिंसा को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर ज़ोरदार हमला बोला है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस हिंसा के लिए सीधे तौर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को ज़िम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि हिंसा के पीछे अमित शाह का हाथ है।
गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयराम रमेश ने कहा, “जेएनयू की घटना के पीछे गृह मंत्री अमित शाह और HRD मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक दोनों शामिल हैं। यह आधिकारिक रूप से प्रयोजित गुंडागर्दी थी। 72 घंटे हो गए, लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई”।
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कांग्रेस नेता ने कहा कि हमारी मांग है कि जिनकी पहचान हो गई है उनको तुरंत गिरफ्तार किया जाए। यह भी साफ है कि इस कुलपति के रहते सामान्य स्थिति नहीं हो सकती। इस कुलपति का त्याग पत्र लेना जरूरी है। रमेश ने यह भी कहा कि छात्रों की जो मांगें हैं उन पर भी विचार होना चाहिए।
बता दें कि 5 जनवरी की शाम को जेएनयू में दर्जनों नकाबपोश गुंडों ने घुसकर छात्रों और शिक्षकों के साथ मारपीट की थी। इस हिंसा में कई छात्रों और शिक्षकों को गंभीर चोटें आई थीं। जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष भी इस हमले में बुरी तरह घायल हुई हैं। हमले में घायल हुए छात्रों ने इस हमले के लिए एबीवीपी को ज़िम्मेदार बताया है। लेकिन 4 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है। जिसको लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।
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पुलिस द्वारा मामले में कार्रवाई न किए जाने के बाद कांग्रेस की एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी जेएनयू पहुंची और छात्रों से बातचीत कर मामले की तह तक जाने की कोशिश की। इस समिति में महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुष्मिता देव, एर्नाकुलम से पार्टी सांसद हिबी इडेन, जेएनयू की एनएसयूआई इकाई के पूर्व अध्यक्ष सैयद नासिर हुसैन और दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ की पूर्व अध्यक्ष अमृता धवन शामिल हैं।
लेकिन हैरानी की बात तो ये है कि HRD ने इस मामले को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की। HRD ने हमले का शिकार हुए लोगों से बात करने के लिए जेएनयू में कोई फैक्ट फाइंडिंग कमेटी नहीं भेजी।