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Judge Loya

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही हैं। महाराष्ट्र सरकार ने जज लोया मर्डर केस को दोबारा खोलने के संकेत दिए हैं। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख का कहना है कि अगर ज़रूरत पड़ी तो केस की दोबारा जांच होगी।

अनिल देशमुख ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर राज्य सरकार को पर्याप्त सबूतों के साथ कोई शिकायत मिलती है तो वह सीबीआई के विशेष न्यायाधीश बीएच लोया की 2014 में कथित तौर पर संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की जांच पर विचार करेगी।

इसके साथ ही देशमुख ने ये भी कहा कि वह इस मामले में संबंधित व्यक्तियों से मिलेंगे और उनकी बात सुनने के बाद यह तय करेंगे कि इस मामले में आगे और निष्पक्ष जांच की जरूरत है या नहीं।

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वहीं एनसीपी के प्रवक्ता एवं राज्य के मंत्री नवाब मलिक ने भी पार्टी की एक बैठक के बाद जज लोया केस की दोबारा जांच के संकेत दिए। नवाब मलिक ने अनिल देशमुख की बात को दोहराते हुए पत्रकारों से कहा कि यदि पर्याप्त सबूतों के साथ कोई शिकायत मिलती है तो सरकार जज बीएच लोया मामले को फिर से खोलने पर विचार करेगी।

इससे पहले महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद जब एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से जज लोया मर्डर केस की दोबारा जांच के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने साफ़ कहा था कि जज लोया के मामले की जांच संभव है।

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बता दें कि जस्टिस लोया सीबीआई स्पेशल कोर्ट के जज थे। वह सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस की सुनवाई कर रहे थे। इस केस में अमित शाह मुख्य आरोपी थे। जिन्हें बाद में बरी कर दिया गया था।

जस्टिस लोया की मौत एक दिसंबर 2014 को महाराष्ट्र के नागपुर में उस समय हुई थी जब वो अपने सहयोगी की बेटी की शादी में शामिल होने जा रहे थे। उनकी मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी। हालांकि पुलिस ने इस मामले की क्लोज़र रिपोर्ट में उनकी मौत की वजह हार्टअटैक को बताया था।

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