सोशल मीडिया पर राष्ट्र और धर्म बचाने वाले कब अपनी पसंदीदा पार्टी के नेताओं को बचाने लगते हैं पता ही नहीं चलता। ऐसे लोगों के लिए ‘हिंदुस्तान’ हिन्दुओं का स्थान है और हिन्दुओं की सबसे बड़ी स्वघोषित पार्टी भाजपा है। यही वजह है कि सोशल मीडिया के राष्ट्रवादी एक ही समय पर पार्टी और राष्ट्र दोनों को एक साथ बचा रहे होते हैं।
सोशल मीडिया के राष्ट्रवादियों की ताजा शिकार बनी हैं ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर की बेटी आशना लिड्डर। बता दें कि तमिलनाडु में 8 दिसंबर को हुए हेलिकॉप्टर क्रैश में ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर की मौत हो गई थी। 10 दिसंबर को दिल्ली के बरार स्क्वायर श्मशान घाट पर ब्रिगेडियर का अंतिम संस्कार किया गया। इस क्षण की भावुक तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है।
जब दिल्ली में आशना अपने पिता को मुखाग्नि दे रही थीं, तब सोशल मीडिया पर उन्हें वोक बताकर ट्रोल किया जा रहा था। ताजा जानकारी के मुताबिक, ट्रोलिंग से परेशान होकर आशना ने अपना ट्विटर हैंडल डीएक्टिवेट कर दिया है। 17 साल की आशना के साथ ये सब सिर्फ इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने कुछ दिनों पहले देश की खराब हालत पर चिंता जतायी थी और विपक्ष के नेताओं का ट्वीट लाइक किया था।
ट्रोलिंग की वजह
ट्रोलिंग की मुख्य वजह बहुसंख्यकवाद का नशा और नेताओं की आलोचना को देश के लिए खतरा समझने की नाज़ी मूर्खता है। आशना ने कुछ दिनों पहले एक जागरूक नागरिक की तरह यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए, राज्य में उत्पात को कम करने का सुझाव दिया था।
आशना ने जो किया वो देश के सभी नागरिकों को करना चाहिए। नेताओं से सवाल पूछना, उनकी कार्यशैली पर नज़र रखना नागरिक धर्म होता है। अपने द्वारा चुने नेताओं से सवाल पूछते रहना जिंदा और लोकतांत्रिक नागरिक की निशानी होती है।
लेकिन अफसोस दुनिया की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी का दावा करने वाले महान भारत के चिरकुट नागरिकों की भावना एक 17 साल की लड़की के सवाल से आहत हो जाती है। जिस इंडियन आर्मी के नाम पर ये चिरकुट नागरिक और इनके नेता नफरत का व्यापार करते हैं, उसी आर्मी ऑफिसर की बेटी को सोशल मीडिया पर रौंदते हुए इन्होंने एक मिनट नहीं सोचा। आशना को ‘वोक’ कहकर ट्रोल किया जा रहा है।
क्या है वोक
ये एक अंग्रेजी का शब्द है। भाजपा और उसकी सोशल मीडिया आर्मी ने जिस तरह पहले सेक्युलर शब्द को गाली बनाया, वही अब वोक के साथ किया जा रहा है। वोक का मतलब होता है जागा हुआ। सवाल उठता है कि किसी के जागरूक होने से दक्षिणपंथी ट्रोल्स को क्या परेशानी है?
आशना को मिला समर्थन
दो दिन पहले पिता को खोने वाली 17 वर्षीय आशना की ट्रोलिंग देख कई पत्रकार, नेता और बुद्धिजीवी परेशान नज़र आए। फिल्ममेकर और लेखक विनोद कापड़ी ने ट्वीट किया, ”जिस 16 साल की बेटी ने 2 दिन पहले ही पिता को खोया, जिसने आज पिता को मुखाग्नि दी उस बच्ची को IT CELL ने इस कदर परेशान किया कि उसे अपना ट्विटर हैंडल बंद करना पड़ा। वजह, उसने पिछले ट्वीटस में देश के हालात पर चिंता की थी और विपक्षी नेताओं के ट्वीट लाइक किए थे। ये घिनौना नया भारत है।”
जिस 16 साल की #आशना ने 2 दिन पहले ही पिता को खोया
जिसने आज पिता को मुखाग्नि दी
उस बच्ची को IT CELL ने इस कदर परेशान किया कि उसे अपना ट्विटर हैंडल बंद करना पड़ा
वजह
आशना ने पिछले ट्वीटस में देशके हालात पर चिंता की थी और विपक्षी नेताओं के ट्वीट लाइक किए थेये घिनौना नयाभारत है pic.twitter.com/IWkiQ99Kwg
— Vinod Kapri (@vinodkapri) December 10, 2021
शिवसेना की नेता और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया, ”वो अभी 17 साल की है। उसने अभी-अभी अपने पिता का अंतिम संस्कार किया है जो एक आर्मी ऑफिसर थे। उसे उसके विचारों के लिए ट्रोल किया जा रहा है. वे उसकी जागृति को मॉडरेट करना चाहते हैं, उसे सही करना चाहते हैं. इस प्रक्रिया में उसने अपना अकाउंट डिलीट कर दिया। और कितना नीचे जाओगे?”
17 year old,grieving yet holding strong,has just cremated her father,a decorated army officer,is being trolled for her views,they want to moderate her woke-ism,military train compulsorily,want her to be corrected. In the process got her to delete her account. How low will you go?
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) December 10, 2021