योगी सरकार के मंत्रिमंडल और भाजपा से इस्तीफा देने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य अब खुलकर BJP-RSS पर निशाना साधने लगे हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने हालिया ट्वीट में लिखा है, ”नाग रूपी आरएसएस और सांप रूपी बीजेपी को स्वामी रूपी नेवला यूपी से खत्म करके ही दम लेगा।”
स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद से कई और भाजपा नेता पार्टी छोड़ते नज़र आ रहे हैं। ऐसे में भाजपा के साथ-साथ भाजपा के लिए प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से काम करने वाले न्यूज़ संस्थानों में भी खलबली मची हुई है।
ऐसे संस्थानों के पत्रकार लगातार स्वामी प्रसाद मौर्य को निशाना बना रहे हैं। कुछ तो खुलकर भाजपा-आरएसएस की तरफ से स्वामी प्रसाद को धमकी भी दे रहे हैं।
अभी हाल में स्वामी प्रसाद ने अपने जिस ट्वीट में भाजपा-आरएसएस को नाग और सांप बताया है, उसके कमेंट में डीडी न्यूज के पत्रकार रजनीश त्रिपाठी ने लिखा, ”स्वामी प्रसाद तुम्हारे तरह कितने लोगों ने पहले भी दिवा स्वपन देखा था। बीजेपी आरएसएस को खत्म करने के लिए सपना देखने वाले खत्म हो गए। हमारा संगठन वहीं का वहीं है। बीजेपी और आरएसएस लोगों के विचार और शरीर की हड्डियों में बसा है।”
दो दिन पहले मंत्री से पूर्व मंत्री हुए स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे वरिष्ठ नेता के लिए ऐसी भाषा का इस्तेमाल क्या सिर्फ भाजपा से वैचारिक प्रतिबद्धता का नतीजा है या जातिय श्रेष्ठता का भी नशा है। अगर रजनीश त्रिपाठी को अपने ब्राह्मण होने का दंभ और केशव प्रसाद मौर्य के लिए हीन भावना नहीं है तो आलोचना के लिए सभ्य भाषा का इस्तेमाल क्यों नहीं क्या? बात को तू-तड़ाक से ही क्यों शुरू किया?
साथ ही ये भी सवाल उठता है कि भाजपा-आरएसएस को अपना संगठन बताने वाले रजनीश त्रिपाठी को पत्रकार कैसे कहा जा सकता है?