जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय में फीस बढ़ोत्तरी को लेकर केंद्र सरकार और छात्र आमने-सामने हैं। फीस में कटौती की मांगों को स्वीकार नहीं किए जाने पर JNU छात्र विश्वविद्यालय से लेकर संसद तक शांति मार्च निकाल रहे हैं। लेकिन सरकार बलपूर्वक उन्हें मार्च निकालने से रोक रही है।

छात्रों के मार्च का कार्यक्रम सुबह 10 बजे से था लेकिन इस प्रदर्शन को रोकने के लिए सरकार ने दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के हजारों जवान तैनात कर दिए। जवानों की इस संख्या को देखने के बाद भी छात्र नहीं रुके और वह मार्च के लिए बाहर निकले। लेकिन जैसे ही छात्र बाहर निकले दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के जवान उनपर लाठी-डंडों के साथ बरस पड़े।

पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने छात्रों को बेरहमी से दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। जिसमें कई छात्रों को गंभीर चोटें भी आईं। वामपंथी नेता कविता कृष्णन ने सोशल मीडिया पर पुलिस की बरबर्ता की कुछ तस्वीरें भी साझा की हैं। जिसमें पुलिस के लाठीचार्ज का शिकार हुए छात्रों को लहुलुहान देखा जा सकता है।

शांति मार्चः फीस कम करने की मांग कर रहे JNU छात्रों को पुलिस ने बेरहमी से पीटा, आई गंभीर चोटें

छात्रों का कहना है कि वह शान्तिपूर्व मार्च निकाल रहे थे, लेकिन सरकार नहीं चाहती की छात्र संसद तक पहुंच कर प्रदर्शन करें। इसलिए उन्हें पुलिस और सीआरपीएफ़ दावारा बैरिकेडिंग लगाकर जबरन रोकने की कोशिश की गई।

JNU की छात्रा अपेक्षा प्रियदर्शनी ने फेसबुक पर लिखा है कि, मुझे बैरीकेडिंग से नीचे फेंक दिया गया, मेरे कपड़े फाड़ दिए गए, मुझे काफी चोटें आई हैं। कई छात्रों के साथ इससे भी ज़्यादा बुरा बर्ताव किया गया।

नरेन्द्र मोदी अपने देश के छात्रों से ऐसा बर्ताव करते हैं। हम सभी के लिए समान अवसर शिक्षा की मांग करते हैं। जिससे कि जो बच्चे उपेक्षित समाज से आते हैं वो परेशानी ना झेलें।

Delhi police has brutally beaten students,who were out for an extremely peaceful march, and are detaining us and not…

Apeksha Priyadarshini ಅವರಿಂದ ಈ ದಿನದಂದು ಪೋಸ್ಟ್ ಮಾಡಲಾಗಿದೆ ಸೋಮವಾರ, ನವೆಂಬರ್ 18, 2019

पुलिस द्वारा छात्रों को इस तरह पीटे जाने पर पत्रकार साक्षी जोशी ने कड़ा ऐतराज़ जताया है। उन्होंने ट्विटर के ज़रिए कहा, “प्रिय दिल्ली पुलिस, करणी सेना सड़क पर आकर बस फोड़ती है, पत्थर फेंकती है, बच्चों की जान पर बन आती है आप शांत खड़े दिखाई देते हैं। कुछ दिन पहले ही वकीलों से आपकी झड़प हुई, हम ढूंढते रह गए आपकी लाठियां कहां गायब हो गई थीं। JNU के छात्रों ने आपका क्या बिगाड़ा है?”

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