जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय में फीस बढ़ोत्तरी को लेकर केंद्र सरकार, जेएनयू प्रशासन और छात्र आमने-सामने हैं। फीस कटौती की मांगें नहीं मानने पर जेएनयू छात्र विश्वविद्यालय से लेकर संसद तक मार्च निकाल रहे हैं।

छात्रों के मार्च का कार्यक्रम सुबह 10 बजे से था लेकिन इस प्रदर्शन को रोकने के लिए सरकार ने दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के हजारों जवान लगा दिए गए।

इस दौरान दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ ने कई छात्रों पर वार किया है। इसमें छात्रों को गंभीर चोटें आई हैं। छात्र शान्तिपूर्व मार्च निकाल रहे थे, लेकिन सरकार नहीं चाहती की छात्र संसद तक पहुंच कर प्रदर्शन करें।

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JNU की छात्रा अपेक्षा प्रियदर्शनी ने फेसबुक पर लिखा है कि, “मुझे बैरीकेडिंग से नीचे फेंक दिया गया, मेरे कपड़े फट गए हैं, कई छात्रों के साथ बहुत बुरा बर्ताव किया गया है। जिसकी वजह से छात्रों को चोटें भी आई हैं।

“नरेन्द्र मोदी अपने देश के छात्रों से इस तरह से पेश आते हैं। हम सभी के लिए समान अवसर शिक्षा की मांग करते हैं। जिससे कि जो बच्चे उपेक्षित समाज से आते हैं वो परेशानी ना झेलें।”

बता दें कि जेएनयू छात्रसंघ ने सांसदों से सवाल किया है कि बढ़ी हुई फीस पर वे साथ देंगे? क्या सभी के लिए वे पब्लिक फंडेड एजुकेशन की मांग करेंगे? क्या वे पब्लिक फंडेड एजुकेशन पर हो रहे प्रहार को रोकेंगे?

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छात्रसंघ का कहना है कि छात्र आगे बढ़कर मांग करें साथ ही निति निर्माताओं को इस बात का जवाब देने दें कि शिक्षा अधिकार है, विशेषाधिकार नहीं है। इसीलिए छात्र संसद तक मार्च निकाल रहे हैं।

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