एलटी ग्रेड भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले को लेकर आज शुक्रवार को इलाहाबाद में एक हज़ार से ज्यादा प्रतियोगी छात्रों ने यूपी लोक सेवा आयोग के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारियों ने पोस्टर बैनर लेकर कई घंटों तक सड़क पर बैठकर नारेबाज़ी की। छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन को लोक सेवा आयोग जाने वाले सभी रास्तों का ट्रैफिक डायवर्ट करना पड़ा।

प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग है कि परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार के कार्यकाल में हुई भर्तियों को रद्द किया जाए और पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच कराई जाए। छात्रों के लगातार जारी इस प्रदर्शन के बाद आयोग के बाहर पुलिस,पीएसी के साथ आरएएफ तैनात कर दी गई है।

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बता दें कि इससे पहले इस मामले में कार्रवाई करते हुए परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार को गिरफ्तार किया गया था। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने उनसे लगातार पूछताछ कर रही है। अंजू कटियार को उनके मोबाइल फोन, लैपटॉप की जांच के बाद गिरफ्तार किया गया था। जांच में अंजू कटियार की संलिप्तता पाई गई थी।

क्या है मामला?

सीआइडी बंगाल के डीआइजी ने बीते वर्ष 29 जुलाई को आयोजित एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर आउट होने के संबंध में उत्तर प्रदेश एसटीएफ के आइजी को पत्र भेजा था। गिरोह में शामिल कोलकाता के अशोक देव चौधरी ने भी डीजीपी को पत्र के जरिए पूरे मामले की जानकारी दी थी।

इस मामले की जांच के दौरान एसटीएफ वाराणसी यूनिट को अशोक देव ने बताया कि गिरोह का सरगना कोलकाता स्थित सिक्योरिटी प्रिटिंग प्रेस का मालिक कौशिक कुमार है। पेपर उसके प्रेस में ही छपते हैं। उसने ही पिछले साल एलटी ग्रेड परीक्षा के पेपर आउट कर 20-20 लाख रुपये में सौदा तय किया था।

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जिसके बाद एसटीएफ ने वाराणसी से मालिक कौशिक कुमार को गिरप्तार किया। कौशिक ने पूछताछ में कई राज उगले थे। उसने बताया कि गिरोह ने 20-20 लाख रुपये में अभ्यर्थियों से परीक्षा पास कराने का सौदा किया था।

एसटीएफ का दावा है कि लोक सेवा आयोग की परीक्षा नियंत्रक (सचिव) अंजू लता कटियार की गिरोह से मिलीभगत है। उन्हें गिरोह का सरगना मोटी रकम देता रहा है। इस मामले में अंजू कटियार के खिलाफ चोलापुर थाने में भ्रष्टाचार का मुकदमा लिखा गया है।

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