#BharatBandh के व्यापक असर को देखते हुए बैकफुट पर आयी मोदी सरकार 13 प्वाइंट रोस्टर पर अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार अपने अंतिम कैबिनेट बैठक इस पर फैसला ले सकती है।

पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि ‘जो लोग आंदोलन पर आए हैं मैं उन्हें आश्वस्त करना चाहता हूं कि अब आंदोलन करने की जरूरत नहीं है। सरकार 200 प्वाइंट रोस्टर लाएगी। कैसे लाएगी इसके लिए केवल दो दिन की प्रतिक्षा कीजिए। यही मेरा अपील है।’

प्रकाश जावड़ेकर ने इस वीडियो को ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा है ‘मोदी सरकार सामाजिक न्याय के लिए खड़ी है।’ सवाल उठता है कि जब मोदी सरकार सामाजिक न्याय के लिए खड़ी है तो इतने दिनों से अध्यादेश क्यों नहीं लाया गया? क्यों लोगों को सड़कों पर उतरने की जरूरत पड़ी?

सवर्णों को आरक्षण देने के लिए तो सरकार ने तुरंत संविधान संसोधन कर दिया था? लेकिन 13 प्वाइंट रोस्टर पर अध्यादेश के लिए दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों को सड़क पर उतरना पड़ा, ये कैसा सामाजिक न्याय है?

भारत बंद की सफलता से डरे PM मोदी! 13 प्वाइंट रोस्टर पर अध्यादेश ला सकती है सरकार

प्रकाश जावड़ेकर ने तो कह दिया कि वो 200 प्वाइंट रोस्टर को वापस लाने के लिए अध्यादेश लाएंगे लेकिन 13 प्वाइंट रोस्टर के तहत जो सीटें भर ली गई हैं उनका क्या? क्या सरकार उन नियुक्तियों को रद्ध करेगी? अगर सरकार उन नियुक्तियों को रद्ध नहीं करती तो ये सामाजिक न्याय नहीं, अन्याय कहलाएगा!

एक और बात… भारत बंद सिर्फ 13 प्वाइंट रोस्टर के खिलाफ नहीं आदिवासियों को उनकी जमीन से बदखल करने के लिए भी किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने 13 फरवरी को 21 राज्यों के 11.8 लाख वनवासियों और आदिवासियों को वनभूमि से बेदखल करने का आदेश सुनाया था। लेकिन बाद में निर्देश पर रोक लगा दी गई।

आदिवासियों की मांग है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भी अध्यादेश लाए। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की तरह ही जनजातीय कार्य मंत्रालय Jual Oram को भी मीडिया के सामने आकर बताना चाहिए कि उनका क्या स्टैंड है।

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वैसे प्रकाश जावड़ेकर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने लिखा है कि ‘मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर कह रहे हैं कि दो दिन ठहर जाइए। आरक्षण की रक्षा के लिए अध्यादेश लाएँगे। आज क्यों नहीं? और अब तक जो सीटें सवर्णों से भर लीं वो ? आदिवासियों के लिए अध्यादेश क्यों नहीं?
सवर्ण आरक्षण के समय तो बहुत फुर्ती आ गई थी मोदी में। अब क्या हुआ?’

https://www.facebook.com/dilipc.mandal/posts/2151644974929482

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