कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल काॅलेज की प्रिंसिपल डॉ. आरती लालचंदानी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में डॉ. आरती कोरोना पॉज़िटिव जमातियों को आतंकी बता रही हैं और उनका इलाज ना किए जाने की बात कह रही हैं।
अमर उजाला में छपी खबर के मुताबिक़, ये वीडियो 70 दिन पुराना है, जो सोशल मीडिया पर अब लीक हुआ है। वीडियो में नज़र आ रहा है कि डॉ. आरती प्रेस कांफ्रेंस से पहले ऑफ़ रिकॉर्ड रिपोर्टर्स से बातचीत के दौरान जमातियों को आतंकी बताते हुए कह रही हैं कि जिन लोगों को जेल में होना चाहिए, उनका सारी सुविधाओं के साथ अस्पताल में इलाज किया का रहा है।
डॉ. आरती सूबे की योगी सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाते हुए कहती हैं कि सरकार इनपर अपने रिसोर्सेज ख़र्च कर रही है। इनपर दवाई, खाना और टेस्ट किट्स बर्बाद कर रही है। वो आगे कहती हैं कि ये लोग आतंकी हैं, ये यहां कोरोना फैलाने आए हैं, इन्हें अस्पताल में नहीं जेल में रखा जाना चाहिए।
दिलचस्प बात तो ये है कि डॉ. आरती ने ये बात प्रेस कांफ्रेंस से पहले कई रिपोर्टर्स की मौजूदगी में कही। लेकिन दो महीने तक किसी ने भी डॉ. के बयान को चैनल पर नहीं दिखाया। अभी भी वीडियो लीक होने आने के बाद इसे चैनल पर नहीं चलाया गया। इससे मीडिया द्वारा जमातियों के खिलाफ की जा रही साज़िश का साफ़ तौर पर अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
वहीं इस वीडियो के सामने आने के बाद डॉ. आरती के ख़िलाफ़ कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग की जा रही है। पूर्व सांसद और भाकपा (एम) की पोलित ब्यूरो सदस्य सुभाषिनी अली ने वीडियो को शेयर करते हुए कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के ख़िलाफ़ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने के लिए डॉ. आरती के ख़िलाफ़ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
हालांकि डॉ. आरती ने इस बात से इनकार कर दिया है कि उन्होंने ये बात जमातियों के संबंध में कही हैं। उनका कहना है कि ब्लैकमेल के जरिये वसूली करने के लिए इसमें जमाती जैसे शब्द सुपरइम्पोज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाएंगी।
बता दें कि आरती ही वो डॉक्टर हैं जिन्होंने शुरुआत में ये शिकायत की थी कि जमाती मेडिकल स्टाफ को परेशान कर रहे हैं। उनकी शिकायत पर ही मीडिया ने जमातियों को पूरे देश के सामने विलेन की तौर पर पेश किया था।
तब इंडिया टीवी पर डॉ. आरती ने जमातियों पर आरोप लगते हुए कहा था कि हम दवाई देते हैं वो फेंक देते हैं। डॉक्टरों को परेशान करते हैं। नई नई डिमांड करते हैं। ये कहते हैं, हमारे लिए अच्छे कपड़े लाओ, इंटरटेनमेंट के लिए सामान लाओ।
उन्होंने कहा था कि हम इनकी डिमांड पूरी भी कर रहे हैं, मगर फिर भी ये अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आ रहे। ये कोरोना फैलाने के लिए हर तरफ़ थूक लगा रहे हैं। फर्श से लेकर दीवारों, सीढ़ियों, रेलिंग और बाथरूम तक में ये थूक लगाते हैं। ये फीमेल स्टाफ से अभद्रता भी करते हैं। पूरा अस्पताल इनसे परेशान है।
I have written to administration and issued statement demanding her removal while video is authenticated। If it is she must be removed and prosecuted https://t.co/0SlCgXBpYd
— Subhashini Ali (@SubhashiniAli) May 31, 2020