रेजिंडेट डॉक्टर्स दिल्ली में 17 दिसंबर से हड़ताल पर हैं और लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। कल यानी 27 दिसंबर को हुई पुलिसिया बर्बरता के बाद से रेजिंडेट डॉक्टर्स का ये प्रदर्शन अधिक संगठित हो गया है। प्रदर्शन में शामिल डॉक्टर्स लगातार आम लोगों और मीडिया से समर्थन मांग रहे हैं।
रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन एम्स के पूर्व प्रेसिडेंट हरजीत सिंह भाटी ने लिखा है, ”डॉक्टरों को सड़कों पर पीटा जाता है, महिला डॉक्टरों से पुलिस द्वारा छेड़छाड़ की जाती है और जनता या मीडिया द्वारा आवाज नहीं उठाया जा रहा है। सरकार सो रही है और न्यायपालिका सर्दियों की छुट्टियों पर है। मुझे नहीं पता कि हम किसके लिए दिन-रात काम कर रहे हैं और अपना निजी और पारिवारिक जीवन खराब कर रहे हैं।”
Doctors are thrashed on roads, female doctors are molested by police & there is no outrage from public or media, Govt is sleeping & judiciary is on winter vacations. I don’t know for whom we are working day & night spoiling our personal & family life #FeelingFrustrated #NEETPG pic.twitter.com/3XztKxobUG
— Harjit Singh Bhatti (@DrHarjitBhatti) December 27, 2021
हालांकि पुलिसिया बर्बरता के बाद से डॉक्टर्स को मीडिया और आम जनता का समर्थन मिलने लगा है। मीडिया द्वारा अब रेजिंडेट डॉक्टर्स के प्रदर्शन को प्रमुखता से कवर किया जा रहा है। लेकिन चर्चा अधिक अब भी सोशल मीडिया पर ही है।
सोशल मीडिया पर सैकड़ों की संख्या में डॉक्टर्स अपने विरोध को दर्ज करवा रहे हैं। इस दौरान सोशल मीडिया के कुछ सुधी लोगों ने एक ऐसे डॉक्टर को ट्रेस किया है जो मिजाज से हिन्दू दक्षिणपंथी हैं और आन्दोलनों के खिलाफ रहे हैं। इस डॉक्टर का नाम है- विवेक चोकसी। इनके ट्विटर हैंडल के बायो में लिखा है- #ModiHaiToMumkinHai #जहां_शाह_वहां_राह, #कल_हो_या_आज_सिर्फ_शिवराज । साथ ही कवर फोटो के रूप में सावरकर और बोस की तस्वीर लगी है।
विवेक चोकसी भारतीय डॉक्टरों के बीच जाना-पहचाना नाम है। ‘जोश Talks’ वगैरा पर ज्ञान भी दे चुके हैं। फिलहाल नीट काउंसलिंग की तारीख को लेकर आंदोलनरत हैं और लोगों से समर्थन चाहते हैं।
There are about 12 lakh doctors in India but only 3000 are on the road and 300 are supporting them on social media, the rest are just watching TV or taking holidays.
Due to this lack of unity, no government supports doctors.@FordaIndia #NEETPG #ExpediteNEETPGCounselling2021 pic.twitter.com/hJPDNTLD8O— Dr Vivek Chouksey (@VForU_) December 27, 2021
ये बात दीगर है कि ये खुद किसान आन्दोलन को तालिबान से जोड़कर देखते थे। किसान आन्दोलन को लेकर विवेक चोकसी ने लिखा था, ”जो किसान आज भी सोचते हैं कि ये आन्दोलन उनके हक के लिए है तो सबसे बड़ी गलती कर रहे हैं। इन सबका मिशन केवल ”मोदी योगी” को हटाना है ताकि तालिबान के लिए रास्ता बनाया जा सके।”
इसके अलावा विवेक चोकसी फेक न्यूज की फैक्ट्री ‘ऑप इंडिया’ के उपभोक्ता भी हैं। इनका वॉल इस बात का गवाह है कि वो न्यूज के लिए ‘ऑप इंडिया’ पर आश्रित हैं। ‘ऑप इंडिया’ के साथ इस्लामोफोबिया, हिन्दू उग्रवाद, हिन्दू राष्ट्रवाद आदि नत्थी रहता है। इसका मतलब ये हुआ कि विवेक नफरत और साम्प्रदायिकता का डेली डोज लेते हैं।
इस योग्यता के साथ-साथ विवेक चोकसी पूरे दिन विपक्ष के नेताओं की ट्रोलिंग में भी अपनी उर्जा खर्च करते हैं। हिन्दू राष्ट्र के आकांक्षी विवेक विवेक के वॉल पर भाजपा के अवाला लगभग सभी राजनीतिक दलों की छिछली आलोचना मिल जाएगी।
"Aam Advertisement Party"#AAP @AAPDelhi pic.twitter.com/WywHBjqlzE
— Dr Vivek Chouksey (@VForU_) November 26, 2021
आगे 'धरना'
और
पीछे – "पेट भरना"…!! pic.twitter.com/0yvJNDo6I2— Dr Vivek Chouksey (@VForU_) December 4, 2021
विवेक चोकसी फिलहाल जिस सरकार के खिलाफ आन्दोलनरत हैं, उसी सरकार की तारीफ में कसीदे भी पढ़ रहे हैं। ऐसे में आन्दोलन को लेकर उनकी निष्ठा संदेहास्पद है।
डॉक्टर्स क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन?
पूरा मामला नीट-पीजी काउंसलिंग से जुड़ा है। डॉक्टर्स की मांग है कि 42 हजार नए चिकित्सकों की काउंसलिंग की तारीख जल्द से जल्द घोषित की जाए। वर्क फोर्स को बढ़ाया जाए। दिल्ली स्थित इहबास (IHBAS) अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने बैनर लगाकर अपनी मांग आम लोगों को समझाने की कोशिश की है।
एसोसिएशन का कहना है कि वर्क फोर्स में 42000 नए डॉक्टर्स को शामिल किए जाने से मरीजों को बेहतर इलाज मिल पाएगा और डॉक्टर्स पर भी वर्क लोड भी कम होगा।
Doctors have put a banner in front of IHBAS Hospital in Delhi mentioning their issues and demands in Hindi.
डॉक्टर आम जनता को अपने साथ लेने के लिए आज अलग अलग क्षेत्रों में लोगों से समर्थन भी मांग सकते हैं। @FordaIndia #ExpediteNEETPGCounselling2021 pic.twitter.com/yNHT9PXcO4
— Hemant Rajaura (@hemantrajora_) December 28, 2021
17 दिसंबर से जारी इस हड़ताल को लेकर एसोसिएशन तब तक खत्म करने के पक्ष में नहीं है जब तक काउंसलिंग की ‘पक्की’ तारीख घोषित नहीं की जाती। शायद एसोसिएन पिछली बार मिले धोखे के कारण अधिक सचेत हो गया है। दरअसल, गत 6 दिसंबर को भी दिल्ली के अस्पतालों ने हड़ताल शुरू की थी। लेकिन तब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में अपने वकील के जरिए डॉक्टर्स से कुछ दिन का समय मांगा था।
बता दें कि इस हड़ताल में जीटीबी, लेडी हार्डिंग, सफदरजंग, आरएमएल और एलएनजेपी जैसे प्रतिष्ठित अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर्स शामिल हैं।