नरेंद्र मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी रैलियों में चीख़-चीख़ कर ये वादा किया था कि सत्ता में आने पर हर साल उनकी सरकार 2 करोड़ लोगों को रोज़गार देगी। लेकिन असल में सच्चाई इससे कोसों दूर है। अगर देश में बेरोज़गारी का आलम समझना है तो चलिए तमिलनाडु का रुख़ करते हैं।

तमिलनाडु विधानसभा सचिवालय में स्वीपर और सफ़ाईकर्मचारियों के लिए कुल 14 पदों के लिए भर्ती निकली है।

आपको जानकर बेहद हैरानी होगी कि, इन पदों के लिए, M.TECH, B.TECH, MBA, Post Graduate और Graduate सहित कई बड़ी डिग्री वालों ने आवेदन किया है।

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इन 14 सफ़ाईकर्मी पदों के लिए अबतक 4600 इंजीनियरों और MBA वालों के एप्लीकेशन आ चुके हैं। आप समझ सकते हैं कि देश में बेरोज़गारी का आलम क्या है।

हालांकि ये पहला मौक़ा नहीं हैं। जब मामूली पदों के लिए बड़ी डिग्रीधारकों ने आवेदन किया है। लगभग 1 महीने पहले ऐसी ही ख़बर राजधानी दिल्ली से आई थी।

दिल्ली पुलिस की मल्टी टास्किंग स्टाफ़ के लिए 707 पदों पर भर्ती निकली थी। ये पद थे- धोबी, मोची, बढ़ई, सफ़ाई कर्मचारी, रसोईया, माली आदि। अब ये सुनिए कि इन पदों के लिए आवेदन कितने लोगों ने किया और कितनी बड़ी डिग्रियों वाले बेरोज़गारों ने किया।

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इन 707 स्टाफ़ पदों के लिए आवेदन किया है 7 लाख 50 हज़ार लोगों ने।… चौंक गए?… अभी तो एक और बात बाक़ी है, और वो ये कि इन 7.50 लाख लोगों में मोची, बढ़ई, रसोईये, माली वग़ैरह के पद के लिए अप्लाई करने वालों में MBA, MSC, B. TECH, MCA जैसे बड़े डिग्री धारक, बड़ी संख्या में शामिल हैं।

इन 7.50 लाख लोगों में-

3 लाख से ज़्यादा लोग एम. ए. और एमएससी डिग्री वाले

1200 के क़रीब एमबीए डिग्री वाले

360 बीटेक डिग्री वाले शामिल हैं

इन पदों में भर्ती की योग्यता सिर्फ़ दसवीं होने के बावजूद MBA, B. TECH. MSC, MA डिग्री वालों का 707 पदों के लिए लाखों की संख्या में आवेदन करना, देश में बेरोज़गारी के हाल का जीत-जागता सुबूत है।

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