यूरोपीय यूनियन संसद में मणिपुर हिंसा को लेकर भाजपा और मोदी सरकार पर कड़े सवाल किये गए। यूरोपीय यूनियन का ब्रुसेल्स स्थित संसद में मोदी सरकार के खिलाफ मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर प्रस्ताव पास हुआ।

जिसमें भारत सरकार से आह्वान किया गया कि मणिपुर में चल रहे हिंसा को जल्द से जल्द रोका जाए।

मणिपुर हिंसा पर मोदी सरकार को अब अंतराष्ट्रीय स्तर पर आलोचनाएं झेलनी पड़ रही है। यूरोपीय यूनियन के संसद में मणिपुर में जारी हिंसा को रोकने के विषय पर चर्चा रखी गयी थी। जिसमें यूरोपीय देशों के छः से आठ दलों के सांसदों ने हिस्सा लिया था। इस चर्चा में मणिपुर के हालिया हिंसाग्रस्त हालत को सुलझाने के लिए प्रस्ताव पेश किया गया।

यूरोपीय यूनियन द्वारा पेश किये गए प्रस्ताव में कहा गया है-“भारतीय जनता पार्टी हेट स्पीच को बढ़ावा देती है। भाजपा नेतृत्व वाली सरकार भारत में विभाजनकारी, जातीय हिंसा को बढ़ावा देने वाली नीतियों को लागू कर रही है।”

वहीं कुछ सांसदों ने कहा- मोदी सरकार के कार्यकाल में अफ्स्पा, यूएपीए जैसे कानूनों का दुरुपयोग कर अल्पसंख्यकों को भारत में दबाया जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां एक तरफ फ्रांस दौरे पर 13-14 जुलाई तक रहेंगे। वहीं दूसरी ओर यूरोपीय यूनियन के संसद में पिछले दो महीने से चल रहे मणिपुर हिंसा को लेकर पीएम मोदी की आलोचनाएं हो रही है।

जिसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने मोदी सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है।

पत्रकार प्रशांत टंडन ने ट्वीट कर लिखा है- “यूरोपियन यूनियन की संसद में मणिपुर। ये भी तब हो रहा है जब प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस में हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे वहां?”

बता दें कि मणिपुर हिंसा में अब तक 150 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और 4000 के आसपास लोग घायल हुए हैं। वहीं इस भयावह खूनी हिंसा में 54,000 से ज्यादा लोग अपना घर बार छोड़कर विस्थापित हो चुके हैं।

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