
हजारों की संख्या में किसानों का संसद मार्च खत्म हो चुका है। किसानों द्वारा किए जा रहे इस मार्च को करीब 208 से अधिक किसान संगठनों और देशभर की 21 राजनीतिक पार्टियों का समर्थन हासिल था। साथ ही इस मार्च में देश की बड़ी राजनीतिक पार्टियों के बड़े नेताओं ने भी हिस्सा लिया।
किसान संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक वीएम सिंह ने बोलता हिंदुस्तान से बातचीत के दौरान कहा है कि किसानों को भी हिंदू और मुसलमान के रूप में बांट दिया गया है।
जो किसान चौधरी चरण सिंह को चुनकर प्रधानमंत्री बना सकता है आज वो किसान अपनी आवाज संसद में नहीं उठा सकता। किसानों में भी आज जाति-धर्म हावी है। हम इसी बटवारे को खत्म करके किसानों फिर से एक करेंगें।
किसानों को ‘दंगा भड़काना’ और ‘हिंदू-मुस्लिम’ करना नहीं आता तभी उनपर ना ‘दंगल’ हुआ ना ‘आर-पार’
आपको बता दें कि बीएम सिंह के संगठन ने ही इस किसान मार्च का आयोजन किया है। बीएम सिंह लगातार मीडिया से बात करके अपनी मांगों को जनता तक पहुंचा रहें हैं।
बीएम सिंह ने कल भी बोलता हिंदुस्तान से बात करते हुए कहा था कि किसानों की स्थिति में अगर बदलाव होगा तो उनके द्वारा लाए गए बिलों द्वारा ही होगा।
किसान मार्च में अकेले ‘रवीश कुमार’ ही दिखे, बाकी पत्रकार ‘मोदी’ के डर से बिल में छिप गए : सोशल
संसद में मोदी सरकार इन बिलों पर विशेष सत्र बुलाए या शीतकालीन सत्र में चर्चा करें। हमें ये दोनों बिल पास होने से कम कुछ नहीं चाहिए।
उन्होंने मोदी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि मोदी जी या तो हमारे बिल पास कर दो या दो कुर्सी खाली कर दो।