कमज़ोर लोगों के लिए शुरू की गई मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना में धांधली का मामला सामने आया है। इस योजना का फायदा ग़रीब लोगों के बजाए करोड़पति, करोबारियों और मंत्री-विधायकों को मिल रहा है।
मोदी सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना इस दावे के साथ शुरु की गई थी कि इसके ज़रिए गरीबों-कमज़ोरों को मुफ्त में सही इलाज मिल सकेगा। लेकिन इस योजना का लाभ ग़रीबों को मिलने के बजाए करोड़पति, कारोबारियों, सरकारी कर्मचारी और बीजेपी नेताओं को मिलता नज़र आ रहा है।
इसमें किस कदर धांधली की जा रही है इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस योजना के लाभार्थियों की फेहरिस्त में पूर्व राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल और उनके विधायक बेटे समेत प्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य राज्यमंत्री नितिन अग्रवाल तक का भी नाम शामिल है।
मोदी सरकार की ‘मुद्रा योजना’ फेल, RBI बोली- लोन वापस नहीं हुए तो बैंकिंग सिस्टम हिल जायेगा
इतना ही नहीं, पूर्व मंत्री नितिन अग्रवाल के तो पूरे परिवार के नाम ही सूची में है। हरदोई में 2 लाख 70 हजार परिवारों को आयुष्मान योजना में शामिल किया गया है। सूची में हरदोई के प्रमुख चिकित्सक और उनके कारोबारी भाई का भी नाम भी है।
बता दें कि मोदी सरकार ने पिछले साल 2018 के बजट में आयुष्मान भारत योजना का ऐलान किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरएसएस विचारक दीन दयाल उपाध्याय की जयंती के मौके पर इसे लॉन्च किया गया था।
इसके तहत 10 करोड़ गरीब परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये के मुफ्त इलाज की व्यवस्था है। लेकिन इसका फायदा असल हक़दारों को बहुत कम मिला है।
CAG रिपोर्ट से हुआ बड़ा खुलासा: मोदी सरकार ने छुपाया 4 लाख करोड़ रुपए का हिसाब किताब!
इससे पहले भी इस योजना में धांधली का मामला सामने आ चुका है। अक्टूबर 2018 में कानपुर से सामने आए एक मामले में आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों की लिस्ट में उत्तर प्रदेश के ही कैबिनेट मंत्री सतीश महाना के अलावा पूर्व कांग्रेसी विधायक अजय कपूर, बीजेपी विधायक सलिल विश्नोई के साथ-साथ इलाके के कई अन्य नेता और उनके घरों वालों के नाम शामिल पाए गए थे।