Economy
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अदनान अली 

देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर बीते वित्त वर्ष 2019-20 में घटकर 4.2 प्रतिशत रह गई, जो वित्त वर्ष 2018-19 में 6.1 प्रतिशत थी। ये आर्थिक विकास दर पिछले 11 वर्षों में सबसे कम है। इससे पहले 2009 में जीडीपी ग्रोथ इस स्‍तर के करीब तक पहुंची थी।

बता दें कि जनवरी में सरकार ने कहा था कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी का ग्रोथ रेट 5 फीसदी रहने का अनुमान है। कहने का मतलब ये है कि जीडीपी के ताज़ा आंकड़े सरकार के अनुमान से 0.8 फीसदी कम हैं।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। एनएसओ ने ये भी बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में विकास दर घटकर 3.1 प्रतिशत पर आ गई।

याद रहे कि इस जीडीपी पर कोरोना वायरस महामारी का बहुत ज़्यादा प्रभाव नहीं है क्योंकि ये आंकड़ें मार्च, 2020 तक के हैं, और भारत में 24 मार्च 2020 तक केवल 390 कोरोना के मामले थे।

वित्त वर्ष 2019-20 दिसंबर तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 4.7 फीसदी पर रही। साफ़ है कि पिछले साल से ही देश की विकास दर कम थी। इस से प्रतीत होता है कि आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार का प्रदर्शन पहले से ही ख़राब था।

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