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अंकित राज
चलिए आज एक बार फिर साबित हुआ कि मीडिया से आम जनता की विदाई हो चुकी है। कॉरपोरेट मीडिया के रेवेन्यू मॉडल और राजनीतिक प्रतिबद्धता की एकरूपता ने जनता की जुबना खींच ली है। अब शायद कभी वो वक्त नहीं आएगा जब अलग-अलग न्यूज चैनल भिन्न-भिन्न मुद्दों पर खबर दिखाएंगे।
जब देश आम चुनाव की प्रक्रियाओं में प्रवेश कर चुका है। जब कायदे से मीडिया को सत्ताधारी बीजेपी से पिछले पांच साल का हिसाब मांगना चाहिए और ग्राउंड रिपोर्ट कर जनता की आवाज सुनानी चाहिए। उस वक्त मीडिया अपना पूरा दिन सत्ताधारी बीजेपी द्वार उछाले एक मुद्दें पर बहस कर खत्म कर देता है।
जबकि चुनाव ही वक्त वो होता है जब जनता को नेताओं के सामने अपनी शर्त रखने का मौका मिलता है। लेकिन सत्ता की गोदी में आराम फरमा रही मीडिया को इससे क्या मतलब। गोदी मीडिया को तो सत्ताधारी बीजेपी की तरफ से टॉपिक मिलने का इंतजार रहता है जिसपर वो फर्जी की बहस कर सकें।
आज (27 मार्च) भी ऐसा ही हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने पहले तो एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने सस्पेंस बनाते हुए लिखा ‘मेरे प्यारे देशवासियों, आज सवेरे लगभग 11.45-12.00 बजे मैं एक महत्वपूर्ण संदेश लेकर आप के बीच आऊँगा।’
मेरे प्यारे देशवासियों,
आज सवेरे लगभग 11.45 – 12.00 बजे मैं एक महत्वपूर्ण संदेश लेकर आप के बीच आऊँगा।
I would be addressing the nation at around 11:45 AM – 12.00 noon with an important message.
Do watch the address on television, radio or social media.
— Chowkidar Narendra Modi (@narendramodi) March 27, 2019
प्रधानमंत्री ने ये ट्वीट कुछ देर पहले ही किया था और टीवी पर अवतरित हुए 12 बजे के बाद। इस बीचे 1 घंटे से ज्यादा देश के लगभग सभी हिंदी न्यूज चैनल पर इस बात की चर्चा हो रही थी कि मोदी क्या संदेश देंगे?
अब ये बात समझ नहीं आ रही कि जब उन्होंने कह दिया था कि बस एक घंटे में आकर बताउंगा तो मीडिया को अपनी फर्जी संभावानों पर चर्चा करने की क्या जरूरत थी। इस घंटे में किसानों, बेरोजगारों, महिलाओं की बात कर लेते। बीजेपी के 2014 के घोषणापत्र पर ही बात कर लेते… लेकिन नहीं, सबने इस संभावना पर चर्चा की कि मोदी राष्ट्र के नाम क्या संदेश देंगे।
ख़ैर, 12 बजे के बाद प्रधानमंत्री प्रकट हुए और बताया कि ‘भारत ने आज एक अभूतपूर्व सिद्धि हासिल की है। भारत में आज नाम ‘स्पेस पावर’ के रूप में दर्ज करा दिया है। अब तक रूस, अमेरिका और चीन को ये दर्जा प्राप्त था, अब भारत को भी यह उपलब्धि हासिल की है। मिशन शक्ति ऑपरेशन सफल। इसके तहत एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराया गया।’
मोदी ने डीआरडीओ और इसके वैज्ञानिकों को बधाई दी। तो कुल मिलाकर बात ये कि भारत के पास अब एन्टी-सैटेलाइट हथियार है जिसकी वजह से अपनी अंतरिक्ष संपदा की सुरक्षा करने में सक्षम हो गया है।
अब जाहिर तौर पर यह भारत के लिए स्पेस के मोर्चे पर बड़ी सफलता है। लेकिन प्रधानमंत्री समेत मीडिया जिस तरह का मेलोड्रामा रचा उसकी जरूरत नहीं थी। उससे बचा जा सकता था। लेकिन बचने का इरादा किसका था, सरकार और उसकी गोदी मीडिया दोनों इस मौके को भुनाना चाहते थे। तो भुना लिया।
एक मुद्दें पर 11 बजे से शुरू हुआ बहस अभी तक चल रहा है। एक नहीं लगभग सभी हिंदी न्यूज चैनल पर। दिनभर पैकेज चला, शाम हुआ तो डिबेट शुरू हुआ। राष्ट्रवाद, गौरवगान से शुरू हुआ अंतरिक्ष का मामला शाम होते-होते विपक्षी दलों के राष्ट्रवाद को संदिग्ध बना दिया है।
शाम तक तमाम हिंदी न्यूज चैनल विपक्ष से जवाब मांग रहे थे। आज तक पर शाम पांच बजे रोहित सरदार का शो आता है दंगल। 27 मार्च उसका टॉपिक था ‘अंतरिक्ष में काम, चुनाव में इनाम?’ मतलब बीजेपी तो खुद इसका राजनीतिकरण कर रही है मीडिया इसके बदले उसे वोट भी दिलवा रही है।
भारत की ‘शक्ति’ पर कांग्रेस का ‘ड्रामे’ वाला तंज!
अंतरिक्ष में देश की कामयाबी से किसको रंज?
अंतरिक्ष में काम, चुनाव में ईनाम?
दंगल, 5PM, @aajtak पर. pic.twitter.com/VDIhFVC7oY— रोहित सरदाना (@sardanarohit) March 27, 2019
जिस देश में फिलहाल पिछले 45 साल के मुकाबले सबसे अधिक बेरोजगारी है, उस देश की जनता से अंतक्षिक के नाम पर वोट मांगा जा रहा है… मतलब चाटुकारिता हो गई है। बीजेपी ने वादे के मुताबिक हर साल दो करोड़ रोजगार भले ही न दिया हो, 100 स्मार्ट सीटी भले ही बनाया हो और भी कई वादों को जुमला बता दिया हो लेकिन जनता अंतक्षिक के नाम पर वोट दे… हद है।
बीजेपी के लिए वोट मांगने के साथ साथ रोहित सरदाना अपने शो में एक्सक्लेमेशन मार्क (!) के साथ कांग्रेस को एंटी इंडिया भी बताने की कोशिश कर रहे हैं। लिखा है- भारत की ‘शक्ति’ पर कांग्रेस का ‘ड्रामे’ वाला तंज!, अंतरिक्ष में देश की कामयाबी से किसको रंज?
अरे रोहित सरदाना जी किसे रंज होगा? क्यों आप किसी को अपने से कम देशभक्त समझ रहे हैं? वैज्ञानिकों के काम पर राजनीति बीजेपी कर रही है एक सवाल उनसे भी पूछ लेना चाहिए।
शो शुरू होते ही रोहित सरदाना जिन पांच सवालों पर बहस को आगे बढ़ाते हैं वो इस प्रकार है-
देश की कामयाबी पर राजनीति क्यों?
देश की उपलब्धि क्या विपक्ष के लिए ड्रामा है?
वैज्ञानिकों के काम पर पीएम मोदी की चुनावी लूट?
अंतरिक्ष में काम से क्या मोदी को चुनाव में इनाम मिलेगा?
राष्ट्रीय सुरक्षा ही चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा ?
बीजेपी, कांग्रेस समेत कई दलों के प्रवक्ता और कुछ वैज्ञानिकों को बहस में शामिल किया था। रोहित सरदाना अपना पहला सवाल कांग्रेस के प्रवक्ता से पूछते हैं- क्या देश की सुरक्षा कोई ड्रामा है?
पहली बात ये सवाल क्यों? क्या कांग्रेस ने अंतरिक्ष में भारत की सफलता को ड्रामा बताया? इसका जवाब है नहीं। दरअसल पीएम मोदी के संबोधन के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक ट्वीट किया। लिखा- ‘बहुत अच्छे डीआरडीओ, हमें आपके काम पर गर्व है। मैं प्रधानमंत्री को वर्ल्ड थिएटर डे की बधाई भी देना चाहूंगा।’
इसमें दिक्कत क्या है आज वर्ल्ड थिएटर डे है शायद इसलिए पीएम को बधाई दे दिया। इसमें राष्ट्र की सुरक्षा को लेकर ड्रामा की बात तो कही नहीं गई। फिर रोहित सरदाना ये सवाल क्यों पूछा? जाहिर है भाजपा के एजंडे के तरह कांग्रेस को कम देशभक्त बताने के लिए।
जबकि ये बात भी सार्वजनिक है कि जिस एन्टी-सैटेलाइट तकनीक का प्ररीक्षण बीजेपी वाह वाही लूट रही है वो भारत के पास 2012 से मौजूद था। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के एक विज्ञानी ने पुष्टि की कि भारत के पास एन्टी-सैटेलाइट टेस्ट करने की क्षमता कम से कम पिछले 10 साल से मौजूद है। लेकिन किया नहीं गया था, आज बीजेपी ने कर लिया।