अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने एक बार फिर भारत में हुई नोटबंदी की आलोचना की है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा है कि नोटबंदी से भारत की अर्थव्यवस्था में 2 प्रतिशत की कमी आई है।
गीता गोपीनाथ ने यह बात IMF के चार अर्थशास्त्री द्वारा लिखे गए एक पेपर में कही है। इस पेपर में तर्क दिया गया है कि 8 नवंबर 2016 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा के तत्काल बाद अनौपचारिक और औपचारिक क्षेत्र की गतिविधियों पर गंभीर रूप से असर पड़ा था।
आपको बता दें कि गीता गोपीनाथ IMF मुख्य अर्थशास्त्री हैं। IMF के सर्वोच्च इकोनॉमिस्ट पद पर चुने जाने के बाद गोपीनाथ नोटबंदी को लेकर अपने बयानों के लिए काफी सुर्खियों रहीं थी।उन्होंने भारत में हुई नोटबंदी की कड़े शब्दों में आलोचना की थी।
उस दौरान एक इंटरव्यू में गोपीनाथ ने कहा था कि कोई भी बड़ा अर्थशास्त्री नोटबंदी को जायज नहीं ठहरा सकता। गीता गोपीनाथ ने कहा था कि सभी नकदी न तो कालाधन होता है और न तो भ्रष्टाचार।