देशभर में नागरिकता कानून को लेकर छिड़ी बहस के बीच आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर(NRC) को लेकर अपना स्टैंड साफ़ कर दिया है। उन्होंने कहा है कि वह सूबे में NRC लागू नहीं होने देंगे।
उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आंध्र प्रदेश में NRC लागू नहीं होगा। उनकी सरकार पूरे देश में NRC का विरोध करेगी। इससे पहले सूबे के डिप्टी सीएम ने भी आश्वासन दिया था कि उनकी सरकार NRC का समर्थन नहीं करेगी। उन्होंने कहा था कि अल्पसंख्यकों को इससे डरने की ज़रूरत नहीं है।
मीडिया ने पूछा- बिहार में NRC लागू होगा? CM नीतीश बोले- काहे का एनआरसी, क्यों लागू होगा?
ग़ौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते कल दिल्ली के रामलीला मैदान में कहा है कि उनकी सरकार फिलहाल NRC नहीं ला रही। लेकिन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहले ही साफ़ कर चुके हैं कि वह असम की तर्ज़ पर देशभर में NRC लेकर आएंगे। उनके साथ ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी कह चुके हैं कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के बाद वह देशभर में NRC लेकर आएंगे।
बीजेपी नेताओं के इन बयानों से आम जनता में संशय की स्थिति बनी हुई है। आम जनता को समझ नहीं आ रहा कि वह गृहमंत्री के बयान पर यकीन करे या फिर प्रधानमंत्री के बयान पर। यही वजह है कि NRC लागू होने से पहले ही इसका बड़े स्तर पर विरोध देखने को मिल रहा है।
केजरीवाल ने हेमंत सोरेन को दी बधाई, कहा- झारखंड की जनता ने भी CAB-NRC को नकार दिया
NRC का विरोध कई सूबे के मुख्यमंत्री भी कर रहे हैं। जिनमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम शामिल है।
पिछले हफ्ते नीतीश कुमार ने NRC का विरोध करते हुए कहा था कि वो अपने सूबे में NRC लागू नहीं करेंगे। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि काहे का एनआरसी. बिल्कुल लागू नहीं होगा एनआरसी।