संजलि की मौत को इतिहास कैसे अपने पन्नों में दर्ज करेगा? जब बेटी पर पेट्रोल डालकर उसे जिंदा जला दिया गया तब उस वक़्त देश का मीडिया क्या कर रहा था। क्या उसने इस मुद्दे को उठाया या नहीं?

पीएम मोदी से पूछा गया कि आपकी सरकार ने पिछले पांच सालों में क्या किया उन्होंने जवाब दिया सबको साथ लेकर चले हालाकिं उसी वक़्त सोशल मीडिया पर ये भी दर्ज किया जा रहा था की संजलि के लिए लोग आवाज उठाने लगे है।   

दरअसल 18 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के आगरा में एक 15 वर्षीय दलित लड़की पर दो अज्ञात लोगों ने पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी। सत्तर फीसदी जल चुकी लड़की को आगरा से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई।

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लड़की अकोला इंटर कॉलेज में दसवीं की छात्रा थी। रोजाना की तरह वो अपनी स्कूल से घर वापस लौट रही थी। लड़की साइकिल से थी, जैसे ही वो घर के करीब पहुंची दो युवकों ने उसपर पेट्रोल छिड़ककर आग के हवाले कर दिया।

ये उस सूबे की घटना है जहां के विधानसभा चुनाव में महिला सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा था। मगर चुनाव ख़त्म होते ही सभी वादे हवा में उड़ा दिए गए और महिला सुरक्षा तो दूर की बात सूबे में कानून व्यवस्था का भी राज नहीं जम पा रहा है।

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संजलि के मुद्दे पर टीवी चैनलों की खामोशी दर्दनाक भी है, शर्मनाक भी। जितनी अहमियत ईशा अंबानी की शादी को मिली, उसके हजार वे भाग का कवरेज भी संजलि को नहीं मिला। शर्मनाक, बेहद शर्मनाक।

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