किसान सरकार को अपनी परेशानी बताने राजधानी दिल्ली आए हुए हैं। और सरकार (मोदी) राजस्थान में चुनावी सभा कर रहे हैं। 28 तारीख को जब देशभर से आए किसान रामलीला मैदान की तरफ कूच कर रहे थे, तब पीएम मोदी राजस्थान के भरतपुर और नागौर में कांग्रेस की कमियां गिनवा रहे थे।

2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने नारा दिया था ‘बहुत हुआ किसानों पर अत्याचार, अबकी बार मोदी सरकार’
मोदी के नारे पर किसानों ने भरोसा किया, वोट दिया, प्रधानमंत्री बनाया। अब किसानों पर अत्याचार का आलय ये है कि तीन महीने में तीसरी बार अपनी मांग लेकर किसान दिल्ली आए हैं।

2014 में नरेंद्र मोदी ने किसानों की आमदनी बढ़ाने का वादा किया था, हर खेत को पानी देने का वादा किया था, आधारभूत संरचना में सुधार का वादा किया था, कृषि के लिए बिजली के अलग फ़ीडर का वादा किया था, मुआवज़े में बढ़ोतरी… साढ़े चार सालों में किसानों से किया एक भी वादा मोदी सरकार अभी तक पूरा नहीं कर पायी है।

किसान लगातार अपनी समस्या को बता रहे हैं। लेकिन बीजेपी फर्जी बहस को आगे कर किसनों के मुद्दे दबा रही है।

किसान नेता लगातार कह रहे हैं कि मोदी सरकार का ये रवैया 2019 चुनाव में उन्हें सत्ता के सिंहासन से गिरा सकती है। लेकिन शायद बीजेपी को भरोसा है कि वो हिंदू-मुस्लिम, मंदिर-मस्जिद और नेहरू का दुष्प्रचार कर चुनाव जीत जाएगी?

गुजरात के वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवाणी ने पीएम पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया है। जिग्नेश ने लिखा है,

‘प्रधानमंत्री जी देश की जनता को सिर्फ बतलाईए की क्या आप अपने पूरे सार्वजनिक जीवन के दौरान, गुजरात के मुख्यमंत्री या देश के प्रधानमंत्री के तौर पर कभी भी आत्महत्या करनेवाले एक भी किसान परिवार के घर गए है? क्या आपने कभी आत्महत्या करनेवाले एक भी किसान का हाल जाना है?’

बता दें कि हजारों की संख्या में किसान दिल्ली आए हैं। इन किसानों का आंदोलन लगातार दो दिन 29 और 30 नवंबर को चलेगा। इस बार किसानों की सिर्फ दो मांग है।

पहली मांग – कर्ज से पूरी तरह मुक्ति

दूसरी मांग – फसलों की लागत का डेढ़ गुना मुआवजा

देश के अलग अगल हिस्से से आए किसान 29 नवंबर शाम पांच बजे तक रामलीला मैदान में इकट्ठा होंगे। और 30 नवंबर की सुबह संसद की ओर मार्च करेंगे।

दिल्ली की चार ऐसी जगहों को चुना गया है जहां से किसान रामलीला मैदान की तरफ बढ़ रहे हैं। दक्षिण भारत और महाराष्ट्र से आए किसान निजामुद्दीन के पास स्थित गुरूद्वारा श्री बाला साहिब से रामलीला मैदान की तरफ जा रहे हैं। हरियाणा और पांजाब से आए किसान दिल्ली के बिजवासन से रामलीला मैदान की तरफ बढ़ रहे हैं।

बिहार और यूपी से आए किसान आनंद विहार से यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं। नार्थ और उत्तराखण्ड से आए आंदोलनकारी किसान मजनू के टिला से रामलीला मैदान की तरफ बढ़ रहे हैं। 200 से ज्यादा किसान संगठन इस आंदोलन में शामिल हुए हैं।

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