पिछले 3 दिनों में 3 जजों ने सीबीआई जज लोया की मौत से जुड़े मामले में सुनवाई करने से इंकार कर दिया है।

पहले दो जजों, सुनील शुक्रे और जज एसएम मोदक ने केस पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था और मामले से अपना नाम वापस ले लिया था लेकिन अब एक अन्य न्यायाधीश ने अपना नाम वापस ले लिया है।

इससे सवाल उठता है कि क्या जज लोया केस में अमित शाह का नाम होने से न्यायपालिका दहशत में है! क्यों हर जज मामले में सुनवाई करने से बच रहा है?

जज लोया केस में सुनवाई करने से 2 जजों ने किया इनकार, क्या ये ‘अमित शाह’ का डर है ?

हालांकि इस बीच याचिका दर्ज कराने वाले वकील सतीश उके ने हिम्मत दिखाई है और उन्होंने कहा- ‘मुझे नहीं पता कि मैं कल जिंदा रहूंगा या नहीं।

जज लोया की मृत्यु से संबंधित रिकॉर्ड्स नष्ट कर दिए गए, लेकिन हमने कुछ अन्य विभागों के माध्यम से दस्तावेजों दोबारा हासिल किए हैं, जिन्हें मैंने अपनी याचिका के साथ जमा किया है।

मेरी अदालत से यही अपील है कि वह इन दस्तावेजों की सुरक्षा सुनिश्चित करे, जिससे जांच हो सके भले ही मैं मर जाऊं।’

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सतीश उके दावा कर रहे हैं कि उनके पास जज लोया की मौत से जुड़े और भी सबूत हैं और वह इसे हाईकोर्ट में पेश करेंगे लेकिन बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि उस मामले में न्याय की उम्मीद कितनी की जाए जिसमें सुनवाई करने से जज भी बच रहे हैं।

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