किसान आन्दोलन में प्रधानमंत्री मोदी के बैकफुट पर जाने के बाद से देशभर में सिखों पर हलमे तेज हुए हैं। पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई कथित चूक के बाद से दक्षिणपंथी हिन्दूवादियों ने हमले की रफ्तार और बढ़ा दी है।
पंजाब की घटना के तुरंत बाद भाजपा विधायक अभिजीत सिंह ने सिखों के कत्लेआम की धमकी दी थी, फिर एक अन्य भाजपा नेता ने पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को फांसी पर लटकाने की मंशा जाहिर की। इसके अलावा सोशल मीडिया पर पंजाबियों को फौज से निकाल देने की बात भी की जा रही है।
इस बीच ‘बुल्ली बाई’ का मामला भी गौरतलब है। बुल्ली बाई ऐप को हिन्दू लड़के-लड़कियों द्वारा सिख नाम रखकर संचालित किया जा रहा था। इस ऐप पर ऐसी मुस्लिम महिलाओं की नीलामी की जाती थी जो तमाम ज्वलंत राजनीतिक-सामाजिक मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखती हैं।
सिखों के खिलाफ बढ़ाए जा रहे नफरत को आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है। पत्रकार मान अमन सिंह चिन्ना ने सिखों के खिलाफ बढ़ाए जा रहे नफरत को सुनियोजित योजना बताया है।
चिन्ना ने लिखा है, ”सिखों को इसमें घसीटा जा रहा है क्योंकि अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत को नया सामान्य बनाया जा रहा है। 1984 को दोहराने की धमकी देना, सिखों को सेना से हटाने का आह्वान करना, सिख पहचान के तहत बुल्ली बाई अभियान चलाना सभी सिखों को निशाना बनाने की सुनियोजित योजना है।”
Sikhs are being dragged into it because hate against minorities is being made the new normal.
Threatening a repeat of 1984, calling for removal of Sikhs from defence forces, running Bulli Bai campaign under Sikh identity are all well planned targetting of Sikhs. https://t.co/MFbTGaGQIQ— Man Aman Singh Chhina (@manaman_chhina) January 7, 2022