कोरोना महामारी के मद्देनज़र सरकार ने कुछ गाइडलाइन्स जारी की है, जिसके तहत देशवसियों को मास्क पहनने और सामाजिक दूरी का पालन करने को कहा गया है। साथ ही खुले में ना थूकना और भीड़ इकट्ठा ना करने की हिदायत भी दी गई है।

पांच राज्यों में होने वाले चुनावों को लेकर चुनाव आयोग ने भी कुछ नियम बनाए हैं। नियमों के तहत रैली, पदयात्रा, जनसभा पर रोक लगाई गई है। डोर-टू-डोर कैंपेन की अनुमति है लेकिन सिर्फ 5 लोगों के साथ। हालांकि चुनाव आयोग के नियमों का पालन भी नहीं किया जा रहा है।

खासकर उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी भाजपा द्वारा कोविड गाइडलाइन्स और आचार सहिंता का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। अभी हाल में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह डोर-टू-डोर कैंपेन के नाम पर सैकड़ों की भीड़ के साथ घर-घर घूमते नजर आ रहे हैं।

इस दौरान ना तो अमित शाह ने मास्क लगाया था, ना ही साथ के ज्यादातर लोगों ने। इनती लापरवारी कोरोना के विस्फोट के लिए काफी है। लेकिन अमित शाह इतने पर भी नहीं रूके। उन्होंने अपने कथित डोर टू डोर कैम्पेन के दौरान जमकर थूक भी फैलाया। जी हाँ, वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि अमित शाह थूक लगा-लगाकर लोगों के बीच पर्चा बांट रहे हैं। बच्चे, बूढ़े, महिला सबको अपने थूक के सम्पर्क में ला रहे हैं।

अब वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने अमित शाह ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, ”अरे देखिए तो!! थूक ही थूक। तबलीगी जमात पर लगे थूक वाले आरोप की तो पुष्टि नहीं हुई। लेकिन यहां तो इनका वीडियो प्रमाण है। बाप रे बाप। ये तो थूक लगा लगा कर पर्चा दे रहे हैं। ये बहुत ज़्यादा बीमार भी रहते हैं। डेंजरस है। बचो।”

गौरतलब है कि कोविड की पहली लहर के दौरान मीडिया और सरकार द्वारा तबलीगी जमात के लोगों पर कोरोना फैलाने का आरोप लगा था। हालांकि कोर्ट में ये सिद्ध नहीं हो पाया था।

बता दें कि ये पहला मामला नहीं है जब ने कोरोना महामारी के नियमों का उल्लंघन किया हो। इससे पहले पश्चिमी यूपी के कैराना सीट पर अमित शाह कथित डोर टू डोर कैम्पेन करते हुए भी अमित शाह ने जमकर भीड़ जुटाई थी।

अमित शाह के डोर टू डोर कैम्पेन में जहां तक आँखें देख सकती हैं, वहां तक सिर्फ लोग ही लोग नज़र आ रहे थे। ज्यादातर लोग बिना मास्क थे। खुद अमित शाह भी बिना मास्क ही लोगों से मिल रहे थे। हाथ मिला रहे थे। पर्चा बांट रहे थे। गमछा ले रहे थे। सबका अभिवादन कर रहे थे।

इतना ही नहीं कैराना की तंग गलियों में अपने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ अमित शाह छोटे-छोटे बच्चें से माला और गमछा पहनते नज़र आए, तो कहीं कही बच्चों को मिठाई खिलाते नजर आए। बुगुर्गों से भी मिलना जुलना खूब हुआ।

कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि अमित शाह जितने लोगों की जिंदगी खतरे में डाल सकते थे। डाल दिया। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर चुनाव आयोग के नियम-कायदों की धज्जियां भी उड़ा दी।

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