उत्तर प्रदेश में बदमाशों के हौसले किस कदर बुलंद हैं, इसकी एक और बानगी गाजियाबाद में तब देखने को मिली जब बदमाशों ने सरेआम एक पत्रकार को गोली मार दी। बताया जा रहा है कि पत्रकार पर हमला इसलिए किया गया क्योंकि उसने कुछ दिनों पहले पुलिस में बदमाशों के खिलाफ भांजी से छेड़खानी की शिकायत दर्ज कराई थी।

पत्रकार पर जानलेवा हमले की वारदात सामने आने के बाद सूबे की कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सूबे की योगी सरकार को घेरते हुए ट्वीट कर लिखा, “गाजियाबाद NCR में है। यहां कानून व्यवस्था का ये आलम है तो आप पूरे यूपी में कानून व्यवस्था के हाल का अंदाजा लगा लीजिए। एक पत्रकार को इसलिए गोली मार दी गई क्योंकि उन्होंने भांजी के साथ छेड़छाड़ की तहरीर पुलिस में दी थी। इस जंगलराज में कोई भी आमजन खुद को कैसे सुरक्षित महसूस करेगा?”

बता दें कि पीड़ित पत्रकार का नाम विक्रम जोशी है। जोशी ने कुछ दिनों पहले ही अपनी भांजी के साथ हुई छेड़छाड़ की तहरीर पुलिस को दी थी। लेकिन पुलिस ने इस मामले को हल्के में लिया और बदमाशों के खिलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की। इससे बदमाशों के हौसले बुलंद हो गए और उन्होंने शिकायत करने वाले पत्रकार जोशी पर 20 जुलाई की देर रात हमला कर दिया।

अपने ख़िलाफ़ शिकायत से बदमाशों का पारा इस कदर चढ़ गया कि उन्होंने सीधे पत्रकार की हत्या करने की कोशिश की। उन्होंने पत्रकार के सिर में गोली दाग दी। फिलहाल पत्रकार अस्पताल में
जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा है। वहीं पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए नौ लोगों को गिरफ़्तार किया है। लेकिन पूरे घटनाक्रम को देखते हुए ये कहा जा सकता है की पुलिस ने मामले में कार्रवाई करने में काफी देरी की है। अगर ये कार्रवाई छेड़खानी की तहरीर पर की जाती तो पत्रकार को आज अस्पताल में ज़िन्दगी के लिए नहीं लड़ना पड़ता।

पीड़ित पत्रकार के परिजनों का कहना है कि अगर विक्रम जोशी की तहरीर पर पुलिस ने कार्रवाई की होती तो आज यह घटना ना हुई होती। विक्रम की भांजी को लगातार छेड़ा जा रहा था बावजूद इसके पुलिस ने न कोई सुनवाई की और न ही कोई गिरफ़्तारी की। पुलिस देर से जागी, इसी वजह से विक्रम की ये हालत हुई।

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