विपक्षियों के सवालों के बीच मोदी सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में राफेल विमान सौदे पर नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में कहा गया है कि मोदी सरकार ने जो राफेल विमान की डील की है, वह यूपीए सरकार की डील की तुलना में 2.86 प्रतिशत सस्ती है।

इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद मोदी सरकार का वो दावा भी खारिज हो गया है, जिसमें कहा गया था कि मोदी सरकार ने राफेल विमान 9 फीसदी सस्ते खरीदे हैं। 9 फीसदी सस्ती डील का दावा पिछले महीने ही रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में किया था।

उन्होंने 4 जनवरी को लोकसभा में विपक्षियों को घेरते हुए यह दावा किया था कि यूपीए की डील में राफेल की बेसिक एयरक्राफ्ट की कीमत 737 करोड़ थी, जबकि एनडीए की डील में राफेल की बेसिक एयरक्राफ्ट की कीमत 670 करोड़ थी यानी 9% सस्ती, यानी एनडीए की डील बेहतर थी।

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वहीं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पिछले साल यह दावा किया था कि यूपीए सरकार की तुलना में एनडीए सरकार ने बेसिक विमान नौ फीसदी सस्ता और हथियारों से लैस विमान 20 फीसदी सस्ता खरीदा है। उन्होंने इसके साथ ही डील के कई पहलुओं पर बात करते हुए इसे यूपीए से कहीं बेहतर बताया था।

मोदी सरकार के दावों और कैग की रिपोर्ट में विरोधाभास सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “भई, अपन न तो रक्षा विशेषज्ञ हैं और न वित्तीय मामलों के जानकार। पर ये याद है कि रक्षामंत्री जी ने कुछ समय पहले कहा था कि रफाल का हमारा सौदा UPA के प्रस्तावित सौदे से 9 फीसदी सस्ता है।

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उन्होंने आगे लिखा क़ानून मंत्री ने तो 45 फीसदी सस्ता बताया। अब CAG ने कहा: 2.86 फीसद सस्ता! सही कौन है या कोई नहीं”!

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