2014 के इलेक्शन कैम्पेन के दौरान तत्कालीन पीएम पद के दावेदार नरेंद्र मोदी ने देश की भोली-भाली जनता से अपनी हर रैली में ये कहा था कि वो चाय बेचा करते थे। चाय वाले के बेटे हैं।

कांग्रेस नहीं चाहती की देश की सत्ता चाय वाले के पास जाए।… नरेंद्र मोदी को इसका बड़ा फ़ायदा भी हुआ। भावुक जनता ने उन्हें पीएम के तख़्त तक पहुँचा दिया और वहाँ बैठा दिया।

लेकिन नरेंद्र मोदी ने कब चाय बेची, कहाँ बेची, किसी को भी नहीं पता। कोई नहीं जानता। उनके बेहद क़रीबी लोग भी नहीं जानते। कभी उनके बेहद ख़ास रहे पूर्व विहिप अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने तो कुछ दिनों पहले साफ़-साफ़ कह दिया कि, मोदी को हमेशा से जानता हूँ उन्होंने कभी चाय नहीं बेची। ये सब चुनाव जीतने का स्टंट है।

मोदी को मैं बचपन से जानता हूं उन्होंने कभी ‘चाय’ नहीं बेची, यह महज़ पब्लिसिटी स्टंट हैः प्रवीण तोगड़िया

अब जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने ट्वीट के ज़रिये पीएम मोदी को घेरा है।

उन्होंने ट्वीट कर कहा-

गप्पू जी को चाय बेचते हुए किसी ने नहीं देखा,

लेकिन देश बेचते हुए पूरी दुनिया देख रही है।

कन्हैया ने कहा कि चाय बेचते तो उन्हें किसी ने नहीं देखा लेकिन वो देश बेच रहे हैं ये पूरी दुनिया देख रही है।

ग़ौरतलब है कि 2014 के आम चुनाव में नरेंद्र मोदी और बीजेपी ने चाय वाले फॉर्मूले को ख़ूब भुनाया था। आईटी सेल ने हर फ़ोन में इस भावुक संदेश को पहुँचाया था कि मोदी जी चाय बेचते थे।

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एक चाय वाला पीएम पद का दावेदार है। ख़ुद मोदी जी ने भी वीडियो कॉन्फ़्रेसिंग के ज़रिये जगह-जगह चाय की दुकानों पर भीड़ को सम्बोधित किया था।

इसका उन्हें ख़ूब फ़ायदा भी मिला और वो देश के पीएम पद पर जा बैठे।

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