बीते गुरुवार यानी कि 28 मार्च की सुबह सोशल मीडिया पर अचानक ही चाय का एक कप वायरल होने लगा। शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन में यात्रियों को चाय और कॉफी परोसने के लिए जिस कप का इस्तेमाल किया जा रहा है उसपर बीजेपी के चुनाव कैंपने वाले फॉन्ट (अक्षर) और स्टाइल में लिखा है- ‘मैं भी चौकीदार’

इस फोटो के वायरल होने के बाद रेलवे हरकत में आया और इस कप को तत्काल हटा दिया गया। अब रेलवे इस मामले की जांच करेगी की आखिर बिना अनुमति के ‘मैं भी चौकीदार’ कप कैसे ट्रेन में दिया गया। जबकि इसे IRCTC स्वीकृति के बिना किया गया।

‘मैं भी चौकीदार’ वाले कप का ट्रस्टी निकला मोदीभक्त, 2015 में भी मोदी-शाह का ऐसे ही किया था प्रचार

इस मामले में सुपरवाइजर और पैन्ट्री इंचार्ज से स्पष्टीकरण की मांग की गई है। सेवा प्रदाता पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। उलंघन के लिए शो कॉज नोटिस भी भेजा जा चुका है।

वहीं इस मामले पर सीपीआई नेता कन्हैया कुमार ने पीएम मोदी को घेरा हो है। कन्हैया ने सोशल मीडिया पर लिखा- चाय के कप को भी नहीं छोड़ा! वैसे अपना प्रचार तो ये नीति आयोग से भी करा लेते हैं। प्रचार के लिए अब बस रेल की पटरियों और बादलों पर ‘चौकीदार’ लिखवाना बचा है। काम ज़ीरो, प्रचार का खर्चा पचहत्तर रुपैया।

बता दें कि पीएम मोदी ने कांग्रेस के ‘चौकीदार चोर है’ के जवाब इस बार अपना चुनावी अभियान ‘मैं भी हूँ चौकीदार’ से शुरू किया है। जिसे लेकर विपक्षी दल उन्हें राफेल याद दिला रहा वहीं दूसरी तरफ बीजेपी चौकीदार शब्द से चुनावी प्रचार का एक हथियार बना लिया जिसे लेकर सड़क से सोशल मीडिया तक मैं भी हूँ चौकीदार का शोर है मगर असल मुद्दे गायब।

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