पुलवामा आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कॉर्बेट पार्क में फोटोशूट करवाने को लेकर मचे बवाल के बीच वामपंथी नेत्री कविता कृष्णन ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने ट्वीटर पर अपनी बात रखते हुए लिखा है कि, “जवानों पर हमला होने के कई घंटे बाद तक प्रधानमंत्री हमेशा की तरह अपने प्रचार और सैर में लगे रहे।”

कविता ने आगे लिखा है, “कॉर्बेट पार्क में फिल्म की शूटिंग की, शाम में मोबाइल से रुद्रपुर में सभा को संबोधित किया, जिसमें हमले के बारे में कुछ नहीं बोले। ऐसे में अगर डोभाल ने हमले के बारे में प्रधानमंत्री को नहीं बताया तो डोभाल की नौकरी क्यों बची हुई है?”

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गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी 14 फरवरी को जब पुलवामा में हमला हुआ तो वो उस दिन मौसम ख़राब होने के कारण रुद्रपुर में फोन के जरिए एक रैली को संबोधित किया था। पीएम ने मोबाइल के जरिए रुद्रपुर में 5 बजकर 10 मिनट पर रैली को संबोधित किया जबकि पुलवामा में दोपहर 3 बजकर 10 मिनट पर आतंकी हमला हो चुका था। तो फिर पीएम मोदी तक इतनी बड़ी खबर दो घंटे तक क्यों नहीं पहुंची?

अगर, दोपहर 3:10 से 5:10 बजे तक प्रधानमंत्री को पुलवामा हमले की जानकारी ही नहीं थी। प्रधानमंत्री मोदी को दो घंटे तक पता ही नहीं था कि इतना बड़ा हमला हो गया है तो फिर शीर्ष स्तर पर क्या संचार व्यवस्था है इस पर बहुत बुनियादी सवाल खड़ा होता है।

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NSA अजित डोभाल पर सवाल क्यों ना खड़ा किया जाए कि जब 8 फरवरी को खुफिया एजेंसियों ने हमले को लेकर आगाह कर दिया था तो फिर सीआरपीएफ काफिले पर इतना बड़ा आतंकी हमला कैसा हुआ? और फिर आतंकी हमला होने के दो घंटे बाद तक डोभाल ने प्रधानमंत्री को इसकी सूचना क्यों नहीं दी?

बता दें कि, जब पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ और ये खबर देश के लिए सबसे वीभत्स खबर बन गई तो उस वक़्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी डिस्कवरी चैनल के लिए फिल्म की शूटिंग कर रहे थे।

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