मोदी सरकार में कौशल विकास मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने एक बार फिर अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ ज़हर उगला है। उन्होंने कहा है कि अगर कोई हिंदू लड़की का हाथ छूता है तो उसके हाथ बचने नहीं चाहिए।

कर्नाटक के कोडागु जिले में एक कार्यक्रम में भड़काऊ भाषण देते हुए अनंत हेगड़ने कहा कि, “हमारे सोचने के तरीके में बुनियादी बदलाव होना चाहिए। हमें इस पर करीबी नजर रखनी चाहिए कि हमारे आसपास क्‍या हो रहा है। बिना जाति या धर्म की परवाह किए, यदि कोई हाथ एक हिंदू लड़की को छूता है तो वह बचना नहीं चाहिए।”

केंद्रीय मंत्री के इस बयान की मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वुमेंस एसोसिएशन (ऐपवा) की सचिव कविता कृष्णन ने तीखी आलोचना की है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “इस घिनौने और महिलाओं से द्वेष रखने वाले बीजेपी के केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने पहले ही साफ़ कर दिया है कि वह भारतीय संविधान से नफ़रत करता है”।

उन्होंने आगे लिखा, “बीजेपी और मोदी सरकार यह सोचते हैं कि महिलाएं उनके समुदायों की संपत्ति हैं। ओह वैसे मुझे हैरानी है कि बलात्कारी उन्नाव के बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर का हाथ अभी भी क्यों बचा है”?

अनंत हेगड़े ने हाल ही में केरल के सबरीमाला मंदिर में दो महिलाओं के दर्शन करने के बाद कहा था कि यह घटना ‘हिंदुओं का सरेआम बलात्‍कार है।’ उन्‍होंने कहा था कि, ‘केरल सरकार पूरी तरह से नाकाम हो गई है। मैं कहना चाहूंगा कि यह पूरी तरह से हिंदुओं का दिनदहाड़े बलात्‍कार है।

इससे पहले भी वे विवादित बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा था कि, “बीजेपी संविधान बदलने के लिए सत्‍ता में आई है और आने वाले समय में वह ऐसा करेगी।”

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