भारत सरकार ने देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, संघ नेता नानाजी देशमुख और प्रख्यात संगीतकार भूपेन हजारिका को भारत रत्न देने का एलान किया है। इसका कई लोग स्वागत कर रहे हैं तो कई इसके विरोध में भी हैं। कांग्रेस के दिग्गज नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने नानाजी देशमुख को भारत रत्न दिए जाने की मुख़ालफ़त की है।
जिस तरह भाजपा नेता पूर्व राष्ट्रपति और उससे भी पहले दशकों तक कांग्रेस सदस्य रह चुके प्रणब मुखर्जी को अपनी सरकार द्वारा भारत रत्न सम्मान दिए जाने से ख़ुश हैं वो देखते ही बन रहा है।
राजनीति के विश्लेषक इसे लोकसभा चुनाव से जोड़कर भी देख रहे हैं। हालिया हुए कई चैनलों के सर्वे में पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस राज्य में अब भी सबसे ज़्यादा सीटें जीतती नज़र आ रही है।
प्रणब दा बंगाली हैं। ऐसे में बीजेपी उनके ज़रिये पश्चिम बंगाल में अपना मत प्रतिशत बढ़ाना चाहती है। अच्छा प्रदर्शन करना चाहती है।
लोहिया, कांशीराम, ज्योतिबा फुले और कर्पूरी ठाकुर को क्यों नहीं मिला भारत रत्न, क्या यह देश बहुजनों का नहीं है?
अगर आपको याद हो कि ये वही प्रणब मुखर्जी हैं, जो कांग्रेस की सरकार में वित्तमंत्री हुआ करते थे और तब उन्हें आए दिन विपक्षी बीजेपी के सियासी हमले का शिकार होना पड़ता था। कभी अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर तो कभी गिरते रूपये की मसले पर। आप बीजेपी नेता स्मृति ईरानी का ये ट्वीट देखिए। आपको अच्छे से याद आ जाएगा-
साल 2012 में स्मृति ईरानी रूपये की गिरावट पर-
“रुपये में गिरावट- कांग्रेस की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी का देश को तोहफ़ा”
स्मृति ईरानी, मोदी सरकार द्वारा भारत रत्न दिए जाने पर-
हर घोटालेबाज़ के साथ होती है नरेंद्र मोदी की तस्वीर, क्या सरकार के संरक्षण में हो रही है घोटालेबाजी?
“जो सम्मान भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को दिया गया। वो देश की राजनीति में उनके आसाधरण त्याग को दिखाता है। प्रणब मुखर्जी को दिल से मुबारकबाद”
— Abhisar Sharma (@abhisar_sharma) January 27, 2019