
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर हरियाणा की सियासत में हलचल मचा दी है.
ये पत्र सीधे तौर पर एक दूसरे के शासनकाल में हो रहे विकास कार्यों और जनता के आगे विकास के अपने अपने मॉडलों की तलुना करने को लेकर है.
हरियाणा के मुख्यमंत्री के नाम लिखे इस पत्र में केजरीवाल ने लिखा है कि मनोहर लाल खट्टर का बिना देखे मोहल्ला क्लिनिक को हल्ला क्लिनिक कह देना दुखद है.
वह चाहतें हैं कि एक बार मनोहर लाल खट्टर दिल्ली में मोहल्ला क्लिनिक का निरीक्षण करने आएं और फिर मोहल्ला क्लिनिक पर कोई टिप्पणी करें.
इसी के साथ ही इस पत्र में अरविंद केजरीवाल ने भी हरियाणा सरकार की सरकारी डिस्पेंसरियों के निरीक्षण का करने की पुष्टी की है. हाल ही में अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने हरियाणा के सरकारी स्कूलों का दौरा किया था.
इस दौरे के बाद हुए रैली के बाद केजरीवाल ने सरकारी स्कूलों की बदहाल व्यवस्था को लेकर खट्टर सरकार पर तीखे हमले करते हुए दिल्ली के सरकारी स्कूलों की तुलना की थी. साथ ही साथ दिल्ली में बने मोहल्ला क्लिनिक का जिक्र भी रैली के दौरान किया गया था.
इस रैली को लेकर ही मनोहर लाल खट्टर ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए दिल्ली के मोहल्ला क्लिनिक को हल्ला क्लिनिक कह डाला था.
पत्र में केजरीवाल ने ना सिर्फ एक दुसरे के शासन काल में विकास कार्यों के निरीक्षण की बात की है बल्कि साथ ही साथ देश में बढ़ रही साम्प्रदायिकता पर भी निशाना साधा है.
साम्प्रदायिकता का जिक्र करते हुए केजरीवाल ने लिखा है कि यह देश के लिए शुभ संकेत हैं कि देश की राजनीति जो पूरी तरह से साम्प्रदायिकता और हिन्दू मुस्लमान की राजनीति से भर चुकी है, उसमें विकास को लेकर इस तरह की चुनौतियां दी जा रहीं है. जनता भी उन्हीं लोगों को पंसद करेगी जो स्कूल और अस्पताल बनवाएंगा.
Delhi CM @ArvindKejriwal writes to Haryana CM @mlkhattar with his challenge to Haryana CM to visit any of the Mohalla Clinic in Delhi.#AKChallengesMLKhattar pic.twitter.com/BvuOoQrwei
— AAP (@AamAadmiParty) November 3, 2018
आखिर में केजरीवाल ने इस पत्र में अपने हरियाणा की डिस्पेंसरियों के निरीक्षण की तरीख भी लिख रही है. और लिखा है कि मैं 12 नवंबर को हरियाणा की सरकारी डिस्पेंसरी का निरीक्षण करने आऊंगा. ये तारीख आपके लिए सुविधाजनक ना हो तो आप खुद कोई तारीख बता दीजिए मैं उस आ जाऊंगा.
अब इसके बाद देखने और समझने वाली बात इस मामले में यह होगी कि मनोहर लाल खट्टर जिनके पिछले बयान और आदेश साम्प्रदायिकता से भरे हुए है वह इस पत्र को लेकर क्या प्रतिक्रिया देते हैं.