सांकेतिक तस्वीर

8 लाख तक की सालाना आमदनी वाले सवर्णों को 10 फ़ीसदी आरक्षण का बिल संसद के दोनों सदनों में पास हो गया। अब बस राष्ट्रपति का दस्तख़त होना बाक़ी है, जिसके बाद ये विधेयक पूरी तरह से क़ानून की शक्ल अख़्तियार कर लेगा।

कांग्रेस, सपा, बसपा समेत कई राजनीतिक पार्टियों ने इसका समर्थन किया है तो AIADMK, AIMIM और TMC, RJD जैसी पार्टियों ने सवर्ण आरक्षण का विरोध किया है। सबके अपने अपने तर्क हैं। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के मुखिया और हैदराबाद के सांसद असद्दुदीन औवेसी के मुताबिक़ सवर्ण आरक्षण संविधान के ख़िलाफ़ इसलिए है क्योंकि संविधान में आरक्षण का पैमाना सामाजिक अन्याय यानी SOCIAL INJUSTICE है। इसका मतलब है कि वो समुदाय जिसे छुआ-छूत, जातिप्रथा के नाम पर शिक्षा, रोज़गार और समाज में बराबर हिस्सेदारी नहीं दी गई।

औवेसी सवाल उठाते हुए कहते हैं कि बताइये सवर्णों ने कब छुआ-छूत का सामना किया है?

लेकिन बीजेपी का सवर्ण आरक्षण पर अपना तर्क है उसका कहना है कि ये 10 फ़ीसदी आरक्षण न सिर्फ़ हिंदुओ में ग़रीब सवर्णों के लिए है, बल्कि मुसलमान और ईसाई समुदाय के सवर्ण ग़रीबों के लिए भी है।

हालांकि इस बात पर हैरत होती है कि आख़िर बीजेपी इतनी मुहब्बत से कैसे मुसलमानों और ईसाइयों के आरक्षण की बात कर रही है? क्योंकि इन समुदायों को आरक्षण तो दूर बल्कि कहीं अगर इस बारे में बात भी की गई है तो उसने इसकी जमकर मज़म्मत की है।

देखें वीडियोः जब PM मोदी ने कहा- 50% के ऊपर आरक्षण देना है तो बेईमानी तो करनी पड़ेगी!

मसलन 2017 में तेलंगाना की टीआरएअस विधानसभा में ये विधेयक लेकर आई थी कि मुसलमानों को 12 फ़ीसदी आरक्षण दिया जाए। ताकी मुसलमान समाज की सामाजिक भागीदारी बढ़े। उनके जीवन स्तर में सुधार हो। इस विधेयक के ख़िलाफ़ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत तमाम बीजेपी-आरएसएस नेता मुखर थे। अमित शाह ने कहा था कि केसीआर तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं। वो मुसलमानों को आरक्षण की बात कैसे कर सकते हैं? जबकि सुप्रीम कोर्ट में 50 फ़ीसदी आरक्षण की ही बात कही है। वो मुसलिमों को आरक्षण देने के लिए दलित-ओबीसी के आरक्षण में कटौती करेंगे।

अगर बीजेपी आज मुसलिमों को आरक्षण पर बधाई दे रही है तो उसका सीधा मतलब है इसके ज़रिये हिंदू सवर्णों को दिए गए आरक्षण को ढँकना, ताकि उस पर कम से कम सवाल उठें। और सवाल उठते ही जवाब आ जाए कि इस 10 फ़ीसदी में मुसलमान और ईसाई भी तो हैं।

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