8 लाख से कम सालाना इनकम वाले सवर्णों को 10 फ़ीसदी आरक्षण देने के एलान के बाद चंहुओर मोदी सरकार की आलोचना के स्वर बुलंद हैं। मोदी सरकर संविधान संशोधन से 50 फ़ीसदी आरक्षण से इतर 10 फ़ीसदी आरक्षण सवर्णों को देना चाहती है। संविधान संशोधन से ये मुमकिन है, लेकिन ये बड़ा चैलेंज है। हालांकि अब संसद के दोनों सदनों में सवर्ण आरक्षण विधेयक पास हो गया है। और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ये क़ानून की शक्ल भी ले लेगा। लेकिन फिर भी इसे कोर्ट में चैलेंज दिया जा सकता है।
और अगर कोर्ट को ये संविधान संशोधन संविधान के मूलभूत ढाँचे के ख़िलाफ़ लगेगा तो कोर्ट इसे रद्द भी कर सकती है। फिर भी अगर सवर्णों को आरक्षण देना पड़ा तो मोदी सरकार बेईमानी करेगी? क्या वो दलित-ओबीसी के 50 फ़ीसदी के अंदर से ही सवर्णों को आरक्षण देगी?… क्या मोदी सरकार ये बेईमानी करेगी?
इसका जवाब मिल गया है। जवाब दिया है ख़ुद मोदी जी ने। मोदी जी कि एक जनसभा का वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें वो बता रहे हैं कि, “पूरे हिंदुस्तान में 50% आरक्षण पर कैप लगा हुआ है। कोई भी सरकार हो वो इसके आगे नहीं जा सकती है। अगर किसी सरकार को इससे ज़्यादा आरक्षण देना है तो बेईमानी करनी पड़ेगी”
सुना आपने?… शायद इसके बाद अब मोदी जी पर राफ़ेल चोरी के साथ आरक्षण की चोरी का भी आरोप लगने लगे।